facebookmetapixel
2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्तबैंक तेजी से खुदरा ग्राहकों की ओर देख रहे हैं : BSFI समिट में बोले कामत

म्युचुअल फंड में करीब 5 करोड़ निवेशक, अगले 3-4 साल में 10 करोड़ का लक्ष्य

फंड निवेशकों की संख्या में पिछली 1 करोड़ की वृद्धि में उद्योग को 21 महीने लगे। वहीं 2 करोड़ से 4 करोड़ निवेशकों की संख्या तक पहुंचने में 26 महीने से ज्यादा वक्त लगा।

Last Updated- September 23, 2024 | 9:40 PM IST
New MF Rules: From NFO investment to stress testing, SEBI changed the rules related to mutual funds, investors will get big benefit! NFO निवेश से लेकर स्ट्रेस टेस्टिंग तक, SEBI ने बदले म्युचुअल फंड से जुड़े नियम, निवेशकों को होगा बड़ा फायदा!

म्युचुअल फंड (एमएफ) निवेशक आधार सितंबर में 5 करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है। इक्विटी बाजार में लगातार तेजी और नई फंड पेशकशों (एनएफओ) की बाढ़ के बीच सिर्फ 12 महीनों में फंड निवेशकों की संख्या में 1 करोड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

फंड निवेशकों की संख्या में पिछली 1 करोड़ की वृद्धि में उद्योग को 21 महीने लगे। वहीं 2 करोड़ से 4 करोड़ निवेशकों की संख्या तक पहुंचने में 26 महीने से ज्यादा वक्त लगा। निवेशक संख्या की गणना फंड योजनाओं के साथ पंजीकृत पैन नंबर से की गई है। फंड अ​धिकारियों के अनुसार निवेशक वृद्धि की रफ्तार में उछाल को इ​क्विटी निवेश के बढ़ते चलन से मदद मिली है।

एसबीआई फंड के उप प्रबंध निदेशक एवं संयुक्त मुख्य कार्या​धिकारी डी पी सिंह ने कहा, ‘इस समय निवेशक हमारे देश की वृद्धि में भागीदार बनने के लिए म्युचुअल फंड जैसे बाजार-आधारित निवेश पर ध्यान दे रहे हैं जिनके तहत सभी अर्थव्यवस्था और क्षेत्रों में अवसर मौजूद हैं।’

मिरे ऐसेट मैनेजमेंट मैनेजर्स के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्या​धिकारी स्वरूप आनंद मोहंती ने कहा, ‘जैसे-जैसे देश और आबादी में भारत की सफलता के प्रति दीर्घकालिक विश्वास बढ़ता जा रहा है, हम पूंजी बाजारों में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी देख रहे हैं। साथ ही हम म्युचुअल फंडों और डीमैट खातों दोनों में इजाफा देखेंगे।’

उद्योग के दो दिग्गजों का कहना है कि इ​क्विटी और एसआईपी निवेश के लिए बढ़ती दिलचस्पी की वजह से अगले 3-4 साल में फंड निवेशकों की संख्या दोगुनी होकर 10 करोड़ पर पहुंच जाने का अनुमान है। उद्योग ने वर्ष 2030 तक 10 करोड़ निवेशकों का लक्ष्य रखा है। तब तक कुल प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) भी 100 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच सकती हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि जहां इ​क्विटी में छोटे निवेशकों की दिलचस्पी कोविड-19 महामारी के बाद तेजी से बढ़ी है, वहीं निवेशकों की संख्या में ताजा वृद्धि को बाजार में आई शानदार तेजी, इ​​क्विटी योजनाओं के दमदार प्रदर्शन और लोकप्रिय श्रे​णियों में एनएफओ की बढ़ती पेशकश से मदद मिली है।

प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 और सेंसेक्स पिछले एक साल में करीब 30 प्रतिशत तक चढ़े हैं। फंडों ने इस दौरान कई इ​क्विटी एनएफओ पेश किए। खासकर पिछले 4 महीने में ज्यादा एनएफओ आए जो निवेशकों की संख्या में वृद्धि के अनुरूप है। मई-अगस्त की अव​धि में म्युचुअल फंडों ने 21 इ​क्विटी योजनाएं पेश कीं और उनके जरिये संयुक्त रूप से 48,735 करोड़ रुपये जुटाए गए। सबसे बड़े डायरेक्ट प्लान वितरक ग्रो ने कहा कि उसका एसआईपी निवेशक आधार पिछले दो साल में तीन गुना हो गया है।

ग्रो ने कहा है, ‘उसके एसआईपी निवेशकों की संख्या में सर्वा​धिक वृद्धि महाराष्ट्र्, उत्तर प्रदेश, प​श्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक और दिल्ली में दर्ज की गई। उसके प्लेटफॉर्म पर करीब 80 प्रतिशत निवेश शीर्ष-6 शहरों के अलावा अन्य जगहों से दर्ज किया गया।’ डी पी सिंह ने कहा कि निवेशकों की संख्या में वृद्धि अन्य कारकों की वजह से भी हो सकती है।

First Published - September 23, 2024 | 9:40 PM IST

संबंधित पोस्ट