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90,000 छुएगा सेंसेक्स! ब्रोकरेज ने लगाया धमाकेदार ग्रोथ का अनुमान

निफ्टी 50 अब तक के सबसे ऊंचे स्तर से करीब 12% गिर चुका है, जबकि मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में 15-20% तक की गिरावट आई है।

Last Updated- February 21, 2025 | 3:24 PM IST
Sensex

शेयर बाजार में मंदी के बादल छंट सकते हैं और अगले साल बाजार एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकता है। ICICI सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में कॉरपोरेट कमाई दो अंकों की ग्रोथ दर्ज कर सकती है। चुनावी अनिश्चितता खत्म होने और सरकार के विकास-केंद्रित बजट से बाजार को मजबूती मिल सकती है। इससे सुस्त पड़ा बुल मार्केट जाग सकता है और अगले 12 महीनों में सेंसेक्स और निफ्टी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकते हैं।

बाजार में निवेश का सुनहरा मौका

निफ्टी 50 अब तक के सबसे ऊंचे स्तर से करीब 12% गिर चुका है, जबकि मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में 15-20% तक की गिरावट आई है। ICICI सिक्योरिटीज का कहना है कि अब बाजार के वैल्यूएशन अधिक आकर्षक हो गए हैं, जिससे लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए यह बेहतरीन अवसर बन सकता है। ब्याज दरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो चुका है, जिससे इक्विटी बाजार को आगे समर्थन मिलने की संभावना है।

सेंसेक्स 90,000 और निफ्टी 27,000 के स्तर पर पहुंच सकता है

ICICI सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड पंकज पांडे के अनुसार, निफ्टी 50 के ईपीएस (अर्निंग प्रति शेयर) अनुमानों में दिसंबर 2024 तिमाही के बाद करीब 4% की गिरावट आई है। हालांकि, यदि पीई मल्टीपल को स्थिर रखा जाए तो निफ्टी 27,000 तक पहुंच सकता है। यह अनुमान FY27 के लिए 1,300 रुपये के EPS के आधार पर लगाया गया है। सेंसेक्स का लक्ष्य भी 90,000 तक रखा गया है, जो मौजूदा स्तर से करीब 19.5% की वृद्धि दिखाता है।

बड़े स्टॉक्स में गिरावट, लेकिन निवेश का मौका भी

बीएसई सेंसेक्स 27 सितंबर 2024 को 85,571.85 के रिकॉर्ड स्तर पर था, लेकिन इसके बाद इसमें 12% की गिरावट आई है। कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट इससे भी अधिक रही है। एशियन पेंट्स 32% और टाटा मोटर्स 31% तक नीचे आ चुके हैं। ACE इक्विटी डेटा के मुताबिक, इंडसइंड बैंक, NTPC, पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), अदाणी पोर्ट्स, ITC, नेस्ले इंडिया और एक्सिस बैंक भी 28% तक लुढ़क चुके हैं। बाजार में करेक्शन के बाद कई ब्लू-चिप स्टॉक्स अब किफायती स्तर पर आ गए हैं।

अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियां भी बरकरार

भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत बनी हुई है, लेकिन चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। IDBI कैपिटल के विश्लेषकों का कहना है कि आर्थिक सर्वेक्षण में GDP ग्रोथ के अनुमानों में गिरावट आई है, जिससे यह साफ होता है कि घरेलू उपभोक्ता मांग में सुधार में अभी वक्त लगेगा। इसके अलावा, वैश्विक अनिश्चितता के कारण निर्यात भी कमजोर बना रह सकता है।

डेटा का क्या कहना है?

भारत के कोर सेक्टर की ग्रोथ दिसंबर 2024 में घटकर 4% रह गई, जो दिसंबर 2023 में 5.1% और नवंबर 2024 में 4.4% थी। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि बड़ी कंपनियों के शेयर अब उचित वैल्यूएशन पर आ गए हैं, लेकिन मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में अब भी अधिक मूल्यांकन बना हुआ है।

IDBI कैपिटल के विशेषज्ञों प्रवीन बोकाडे और शुभम शेलार ने अपनी हालिया मार्केट रिपोर्ट में कहा, शेयर बाजार में गिरावट के बाद बड़ी कंपनियों के शेयर अब ज्यादा आकर्षक हो गए हैं, लेकिन मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में अब भी काफी उछाल बना हुआ है।

उनका कहना है कि भारतीय कंपनियों की कमाई अगले एक से दो तिमाहियों में स्थिर हो सकती है, यानी आगे सुधार की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, बाजार के सामने बड़ा खतरा वैश्विक व्यापार विवादों के बढ़ने या अमेरिका द्वारा भारत पर नए टैरिफ लगाए जाने से आ सकता है।

First Published - February 21, 2025 | 3:14 PM IST

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