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जेनेरिक दवाओं की बढ़ती उपलब्धता के कारण मधुमेह-रोधी दवाओं की कीमतों में गिरावट के बाद केंद्र सरकार एम्पाग्लिफ्लोजिन जैसी कई दवाओं के खुदरा मूल्य तय करने पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की मूल्य संशोधन सूचियों में मधुमेह की कई दवाएं शामिल हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों में एम्पाग्लिफ्लोजिन के कॉम्बिनेशनों का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है।
जून 2025 में प्राधिकरण ने विभिन्न कंपनियों की ओर से बेची जाने वाली इस दवा के 25 प्रकारों के खुदरा मूल्य तय किए। अप्रैल और मई में यह आंकड़ा क्रमशः 36 और 18 कॉम्बिनेशन था। इससे पता चलता है कि इस वर्ष मार्च में दवा का पेटेंट खत्म होने के बाद से कई जेनेरिक ब्रांड आए हैं।
मूल रूप से जर्मन दवा निर्माता कंपनी बोहरिंगर इंगेलहाइम द्वारा निर्मित इस मोलीक्यूल में पेटेंट संरक्षण समाप्त होने के कुछ ही दिनों के अंदर ही मैनकाइंड, एल्केम और टॉरंट जैसी बड़ी भारतीय दवा कंपनियां इसमें उतर गईं।
हालांकि पिछले आंकड़े में लगभग 100 नए ब्रांड थे। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आगे और भी कई ब्रांड पेश किए जाने की उम्मीद है। एम्पाग्लिफ्लोजिन एक ओरल सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर-2 (एसजीएलटी2) अवरोधक है जो टाइप 2 मधुमेह वाले किशोरों में ब्लड शुगर को कम करता है।