केरल में निपाह वायरस का प्रकोप फैलने के बाद पीक सीजन से ऐन पहले पर्यटन को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है। लोग प्रभावित इलाकों में आने से कतरा रहे हैं और आखिरी वक्त में अपनी योजनाएं रद्द कर रहे हैं और यात्रा रोकने का सिलसिला करीब 30 फीसदी तक पहुंच गया है।
अगर स्थिति और अधिक खराब हुई और दूसरे देशों ने यात्रा पर प्रतिबंध लगाए या वीजा नियमों में सख्ती की तो राज्य पर ज्यादा असर पड़ेगा क्योंकि केरल के करीब 40 लाख भारत के बाहर रहते हैं।
पर्यटन उद्योग को उम्मीद है कि इसका प्रभाव थोड़े वक्त के लिए ही होगा क्योंकि इस तरह की संकटपूर्ण स्थितियों से निपटने में सरकार पहले भी अपना प्रबंधन और महारत दिखा चुकी है। हालांकि, निपाह वायरस से केरल के कोझिकोड जिले में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और दो लोग इससे संक्रमित भी हैं।
कई अन्य लोगों में इस वायरस के लक्षण दिख रहे हैं जबकि बड़ी तादाद में लोग इसकी निगरानी में हैं। प्रदेश सरकार की चिंताओं को बढ़ाते हुए मंगलवार को एक डेंटल कॉलेज के छात्र को तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। छात्र में निपाह वायरस के लक्षण दिख रहे थे।
यह राज्य के फलते-फूलते पर्यटन क्षेत्र के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, जो इस साल धीरे धीरे सुधार के रास्ते पर बढ़ रहा था। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में प्रदेश में करीब 1,06,83, 643 घरेलू पर्यटक आए। यह पिछले साल की इसी अवधि के दौरान आए 88,95,593 पर्यटकों से 20 फीसदी ज्यादा है।
इस विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी 172 फीसदी बढ़कर 2,87,730 हो गई है। साल 2022 में प्रदेश के पर्यटन राजस्व में 186 फीसदी का इजाफा हुआ था। यह एक साल पहले के 12,286 करोड़ रुपये से बढ़कर 35,168 करोड़ रुपये हो गया।
केरल होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (केएचआरए) के जिला सचिव संतोष कुमार यूएस ने कहा, ‘कोझिकोड जिले में होटलों की बुकिंग रद्द होने की घटना में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, साल 2018 में जब निपाह का प्रकोप फैला था उस वक्त 80 से 90 फीसदी बुकिंग रद्द हो गई थीं।
उस लिहाज से यह कम ही है। उस दौरान निपाह वायरस ने उद्योग को महीने भर तक प्रभावित किया था। ऐसे संकटों के प्रबंधन में सरकार के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की दक्षता और वैश्विक महामारी कोविड के दौरान वैश्विक और घरेलू जागरूकता को देखते हुए हमको पक्का यकीन है कि इस बार भी हम ऐसी चुनौतीपूर्ण अवधि से निपट लेंगे।’
पर्यटन मंत्रालय के अनुसार साल 2022 में केरल में महज 3.50 लाख विदेशी पर्यटक गए जो भारत आने वाले कुल विदेशी पर्यटकों का सिर्फ 4 फीसदी है जबकि गुजरात के मामले में यह आंकड़ा 21 फीसदी और महाराष्ट्र के मामले में 18 फीसदी और पश्चिम बंगाल के मामले में 12 फीसदी था। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान अन्य राज्य हैं जो विदेशी पर्यटकों की संख्या के मामले में केरल से बेहतर हैं। केरल आने वाले पर्यटकों का एक बड़ा हिस्सा घरेलू पर्यटकों का है और आने वाले त्योहारी सीजन में इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद थी।
एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ड्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) की केरल राज्य विकास परिषद के चेयरमैन राजा सेतुनाथ ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि प्रदेश के उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र पर किसी तरह का प्रभाव पड़ेगा। यह सिर्फ कोझिकोड तक सीमित रह सकता है बशर्ते तिरुवनंतपुरम में भी निपाह मामले की पुष्टि न हो जाए।
सरकार ने पहले ही कोझिकोड जिले की सात ग्राम पंचायतों- अतनचेरी, मारुतोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। अब तक करीब 130 लोगों की जांच की गई है और संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आए करीब 200 से अधिक लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
टूर ऑपरेटर एसोसिएशन इन केरल के अब्दुल नजीर एमएम का कहना है, ‘हम आखिरी वक्त में यात्राएं रद्द होने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक यात्रियों में किसी तरह की दहशत देखने को नहीं मिल रही है। राज्य सरकार सभी जरूरी सावधानियां बरत रही है और हम उसका पालन कर रहे हैं।’