भारतीय रिजर्व बैंक की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी, जिसमें आरबीआई के एक आदेश पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश जारी किया था।
रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में सहारा समूह की पैरा-बैंकिंग कंपनी को ताजा जमा स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह अपील न्यायमूर्ति अरिजित पसायत की अगुवाई वाली अवकाशकालीन पीठ के समक्ष दायर की गई है जिसने मामले की सुनवाई की तारीख 9 जून निर्धारित की है।
पीठ ने मामले का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील पी आर अंधिरूजिना को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दिन के उत्तरार्ध में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने को कहा है। पीठ ने सहारा इंडिया फाइनैंशियल कार्पोरेशन (एसआईएफसीएल) के वकील मुकुल रोहतगी को एक कैविएट यानी हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने की भी अनुमति दी है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एसआईएफसीएल के कार्यकारी निदेशक ओ पी श्रीवास्तव की एक दलील के बाद रिजर्व बैंक के प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी। मानदंडों के उल्लंघन का उदाहरण देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एसआईएफसीएल को तत्काल प्रभाव से किसी भी रूप में कोई भी जमा स्वीकार करने से रोक दिया था। इस रोक के अंतर्गत कोई भी चालू दैनिक जमा अथवा अन्य किसी प्रकार का जमा शामिल था।