facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

‘असली’ को हटाना होगा

Last Updated- December 05, 2022 | 5:17 PM IST

देश के उच्चतम न्यायालय ने रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड को अपने दर्द बाम वोलिनी के विज्ञापन में से ‘असली’ शब्द को हटाने के निर्देश दिए हैं।


न्यायालय ने प्रतिस्पर्धी उत्पाद मूव की निर्माता कंपनी के विरोध के बावजूद कंपनी को बाकी का विज्ञापन टेलीविजन पर प्रसारित करने की आज्ञा दे दी है। गुजरात उच्च न्यायालय ने रैनबैक्सी पर विज्ञापन प्रसारण की रोक लगा दी थी। इस विज्ञापन में कहा गया था कि कंपनी का उत्पाद ‘असली आराम’ देता है, जबकि विज्ञापन में दिखाए जाने वाले बैंगनी रंग के दूसरे उत्पाद को किनारे कर दिया जाता है।


पारस फार्मास्युटिकल लिमिटेड, प्रतिस्पर्धी उत्पाद निर्माता कंपनी, ने रैनबैक्सी पर यह कहते हुए मुकदमा ठोक दिया था कि इससे कंपनी के उत्पाद की निंदा हुई है। उच्च न्यायालय ने पारस फार्मा की इस दलील को स्वीकारते हुए रैनबैक्सी के विज्ञापन पर रोक लगा दी थी। रैनबैक्सी के वकील हरीश सालवे ने दलील पेश करते हुए कहा कि बाजार में बढ़ा-चढाकर बोलना मान्य है और बाजार कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है।


हरीश ने आगे कहा कि अपने उत्पाद को ‘असली’ बताने से, किसी भी प्रतिस्पर्धी उत्पाद की छवि को खराब  नहीं होती। काफी देर तक दलीलों का दौर चलने के बाद न्यायधीश एस एच कपाड़िया के नेतृतव वाली पीठ ने रैनबैक्सी को निर्देश दिए कि वह अपने विज्ञापन में शब्दों को बदल दे। वादी पक्ष के वकील अरुण जेटली का कहना था कि विज्ञापन में प्रतिस्पर्धी उत्पाद का रंग भी बदला जाए जो कि मूव जैसा दिखता है, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया।

First Published - March 29, 2008 | 12:03 AM IST

संबंधित पोस्ट