दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि पुलिस और प्रशासन कोविड-19 दिशानिर्देर्शों के उल्लंघन के मामले में नकद जुर्माना वसूलने से बचें और शहर की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार इसके लिए एक पोर्टल बनाए। विवाह समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या फिर से कम करके 50 किए जाने पर अदालत ने पूछा कि इस नियम को कैसे लागू किया जा रहा है और इसे लागू करने के लिए क्या प्रोटोकॉल बनाए गए हैं, क्योंकि इस सीजन में बड़ी संख्या में विवाह समारोह होते हैं।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद के पीठ ने कहा कि मौजूदा हालात में नकद लेन-देन से बचने की जरुरत है और जुर्माना भुगतान के लिए ई-माध्यमों का उपयोग किया जाना चाहिए।
उसने कहा कि जुर्माना भरने के लिए अगर पहले से पोर्टल उपलब्ध नहीं है तो आप सरकार को इसके लिए पोर्टल बनाना चाहिए। अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि उसने जुर्माने से वसूली गई इतनी बड़ी रकम का क्या किया है। साथ ही अदालत ने सलाह दी कि इस धन राशि का उपयोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में किया जाए।
दिल्ली सरकार के यह बताने पर कि राष्ट्रीय राजधानी में रोजाना 40,000 आरटीापीसीआर जांच हो रही हैं, अदालत ने कहा कि उसके बार-बार कहने और बड़ी संख्या में जनहानि के बाद यह हो पा रहा है। 28 अक्टूबर से अब तक दिल्ली में कोविड-19 से 2,364 मरीजों की मौत हुई और इस दौरान प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के मामले पहली बार पांच हजार के आंकड़े को पार कर गए। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई।
