रेगुलेटर सेबी ने 22 अगस्त को एक अंतरिम आदेश पास करके Brightcom के शेयरों की बिक्री पर रोक लगाई है। आदेश के बाद से अब दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा सहित 23 लोग Brightcom Group के शेयर नहीं बेच पाएंगे। बता दें सेबी ने Brightcom Group के प्रीफरेंशियल शेयरों की जांच के बाद यह अंतरिम आदेश पास किया है।
जांच में सेबी ने पाया कि Brightcom Group के प्रीफरेंशियल शेयरों के आवंटन में हेरफेर किया गया है। साथ ही ये भी पता चला कि Brightcom Group के पैसों को ठिकाने लगाने के लिए आवंटियों से शेयर एप्लिकेशन के पैसों के फर्जी रसीद लिए गए हैं।
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने Brightcom के MD और चेयरमैन सुरेश कुमार रेड्डी और इसके CFO नारायण राजू पर अगले आदेश तक किसी भी लिस्टेड कंपनी या उसकी सब्सिडियरी में डायरेक्टर या मैनेजर लेवल के पद संभालने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुरेश कुमार रेड्डी के कंपनी के शेयर बेचने पर भी पाबंदी लगा दी है।
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सेबी ने अपने अंतरिम ऑर्डर में Brightcom को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि ऑडिटर कंपनी P. Murali & Co. और PCN & Associates सहित उनके नए पुराने पार्टनर्स किसी भी तरह Brightcom या इसकी सहयोगी कंपनियों से ना जुड़े हों।
सेबी के ऑर्डर के मुताबिक, नोटिस नंबर 25 के तहत शंकर शर्मा को 37.77 रुपए प्रति वारंट के हिसाब से 1,50,00,000 वारंट जारी किए गए थे। इस हिसाब से शंकर शर्मा को कुल 56.66 करोड़ रुपए का पेमेंट करना होता। लेकिन कंपनी को 55.66 करोड़ रुपए की जगह सिर्फ 39.98 करोड़ रुपए ही मिले। यानि उसे सही वैल्यू से 16.67 करोड़ रुपए कम मिले हैं।
यहां तक कि 39.98 करोड़ रुपए के पेमेंट का कोई सबूत भी नहीं है ।
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