उच्चतम न्यायालय पेगासस जासूसी मामले की किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से स्वतंत्र जांच कराने के लिए वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत के पीठ ने एन राम और वरिष्ठ पत्रकार शशि कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इस बात पर गौर किया कि कथित जासूसी के व्यापक प्रभाव को देखते हुए इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। न्यायालय की रजिस्ट्री इस याचिका का पंजीकरण कर चुकी है।
सिब्बल ने कहा कि यह मुद्दा नागरिकों की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला है और विपक्षी नेताओं, पत्रकारों यहां तक कि अदालत के कर्मचारियों को भी निगरानी में रखा गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘हम इसे अगले हफ्ते के लिए सूचीबद्ध करेंगे।’ याचिका में कहा गया है कि कथित जासूसी भारत में विरोध की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाने और हतोत्साहित करने के एजेंसियों एवं संगठनों के प्रयास की बानगी है। याचिका में पेगासस स्पाईवेयर के जरिये फोनों की कथित हैकिंग की जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इजरायल के पेगासस स्पाईवेयर के जरिये निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया। याचिका में कहा गया है कि यदि सरकार या उसकी किसी भी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर का लाइसेंस लिया, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से इसका इस्तेमाल किया और यदि किसी भी तरह की निगरानी रखी गई है तो केंद्र को इस बारे में खुलासा करने का निर्देश दिया जाए।
इसमें कहा गया कि सिक्योरिटी लैब ऑफ एमनेस्टी इंटरनैशनल के फॉरेंसिक विश्लेषण में पेगासस द्वारा सुरक्षा में सेंध लगाने की पुष्टि हुई है। याचिका में कहा गया कि सैन्य स्तर के स्पाईवेयर के जरिये निगरानी निजता के अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया, ‘यह हमला प्रथमदृष्टया साइबर आतंकवाद की हरकत है जिसके गंभीर राजनीतिक एवं सुरक्षा परिणाम होंगे खासकर इस तथ्य पर गौर करते हुए कि जिन फोन में सेंध लगाई गई वे सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के हैं जिनमें संवेदनशील जानकारियां हो सकती हैं।’
इजरायल: एनएसओ के खिलाफ आरोपों की जांच
पेगासस जासूसी कांड में एनएसओ समूह के खिलाफ गलत काम करने के आरोपों की इजरायल ने जांच शुरू कर दी है। कई सरकारों द्वारा इसके स्पाईवेयर के गलत इस्तेमाल के आरोपों पर अधिकारियों ने इस साइबर सिक्योरिटी कंपनी के कार्यालय की जांच की। कई निकायों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को एनएसओ कार्यालय का दौरा कर इस सिलसिले में लगाए गए आरोपों की जांच की। यह जानकारी इजरायल के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी। विस्तृत जानकारी मांगने पर उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि इस वक्त हम विस्तार से जानकारी नहीं दे रहे हैं।
स्थानीय मीडिया ने खबर दी कि जो निकाय जांच कर रहे हैं उनमें रक्षा मंत्रालय का निर्यात नियंत्रण संभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद है जिसे जरूरत पडऩे पर जांच के लिए अधिकृत किया गया है। खबरों के मुताबिक जांच का केंद्र यह है कि क्या कंपनी ने रक्षा मंत्रालय के निर्यात नियंत्रण विभाग द्वारा दिए गए परमिट एवं शक्तियों के मुताबिक काम किया।
पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, नेताओं एवं अन्य की जासूसी करने के आरोपों से निजता से जुड़े मुद्दों को लेकर चिंता उभरी है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों के खिलाफ स्पाईवेयर के इस्तेमाल की खबरों के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गांत्ज ने बुधवार को पेरिस का दौरा किया और फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली को आश्वासन दिया कि इजरायल इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है।
