देश में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का अनुभव किया जा रहा है ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर भी काफी चिंतित हो रहे हैं। प्रमुख कम्युनिटी सोशल मीडिया मंचों में से एक के ताजा सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि केवल 25 फीसदी अभिभावक ही अप्रैल 2021 में अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए इच्छुक हैं।
यह पूछे जाने पर कि अगर केंद्र, राज्य सरकार या जिला प्रशासन अप्रैल में स्कूलों को खुला रखने या फिर से खोलने का फैसला करता है तो क्या वे अपने बच्चों को भेजेंगे इस पर करीब 58 फीसदी लोगों ने नकारात्मक जवाब दिया। दरअसल, 73 फीसदी अभिभावक चाहते हैं कि अगले सत्र से स्कूल तब ही खुले जब उनके जिले में 100 से कम सक्रिय मामले हों।
भारत के 272 जिलों में 18,000 से अधिक प्रतिक्रिया मिली और यह सर्वेक्षण लोकल सर्कल मंच के माध्यम से आयोजित किया गया था और सभी प्रतिभागियों को इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए लोकल सर्कल्स पर अपना पंजीकरण कराना था। इनमें जवाब देने वाले 44 प्रतिशत अभिभावक महानगरों या राजधानी के जिलों में, 28 फीसदी लोग मझोले स्तर के जिलों में थे जबकि 28 प्रतिशत माता-पिता छोटे शहरों या ग्रामीण जिलों में मौजूद थे।
जाहिर है अब भी देश के कुछ भागों में स्कूलों का पिछला ही सत्र चल रहा है और अगला सत्र अप्रैल में शुरू होने वाला है। ऐसे में कई अभिभावक लोकल सर्कल्स मंच पर अपनी चिंताओं को दर्शा रहे हैं। यह मंच अप्रैल 2020 के बाद से ही स्कूल को फिर से खोलने और ऑनलाइन कक्षाओं पर सामूहिक राय जानने के लिए माता-पिता से प्रतिक्रिया ले रहा है और सरकार के पास इन्हीं प्रतिक्रियाओं को भेज भी रहा है।
ज्यादातर अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से सीधे मना कर दिया लेकिन जनवरी 2021 में पहली बार के लिए लोकल सर्कल्स ने अभिभावकों की राय में एक बड़ा बदलाव देखा। फरवरी की शुरुआत में 67 फीसदी माता-पिता स्कूलों को फिर से खोलने के पक्ष में थे क्योंकि भारत में कोविड के रोजाना आने वाले मामले अब तक के सबसे नीचे करीब 10,000 मामले रोजाना के स्तर पर आ गए।
हालांकि, पंजाब में हुई जांच में 81 फीसदी कोविड-19 नमूने ब्रिटेन के सार्स-सीओवी2 से मिलते हैं जबकि बेंगलूरु में मार्च में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में कोविड के 500 के करीब मामले देखे गए ऐसे में मंच ने स्कूल को फिर से खोलने के लिए ‘अधिक रूढि़वादी दृष्टिकोण’ अपनाने का भी सुझाव दिया है। इस बीच, लोकलसर्कल्स सर्वेक्षण के निष्कर्षों को शिक्षा मंत्रालय और सभी मुख्य सचिवों को भेजे जाएंगे ताकि अप्रैल-जून 2021 में स्कूल को फिर से खोलने का निर्णय लेते समय माता-पिता की सामूहिक प्रतिक्रिया पर भी गौर किया जा सके।