facebookmetapixel
₹30 में 4 किमी सफर, दिल्ली में लॉन्च होने जा रही है भारत टैक्सी; ओला-उबर की बढ़ी टेंशन!ट्रंप ने किया ‘वॉरियर डिविडेंड’ का ऐलान, 14.5 लाख सैन्य कर्मियों को एकमुश्त मिलेंगे 1,776 डॉलरKSH International IPO: अब तक 28% भरा इश्यू, सब्सक्राइब करना चाहिए या नहीं; ग्रे मार्केट ये दे रहा इशारा77% तक रिटर्न देने को तैयार ये Realty Stock! ब्रोकरेज ने कहा- नए शहरों में विस्तार से तेजी की उम्मीदCAFE-3 मानकों पर विवाद अब PMO तक पहुंचा, JSW MG और Tata Motors ने उठाया मुद्दाPaytm पर खतरे की घंटी! Infosys और Britannia पर दांव लगाने की सलाह, चेक करें टारगेट्स, स्टॉप-लॉसStocks to Watch today: HCLTech से लेकर Tata Motors और Paytm तक, गुरुवार को इन 10 स्टॉक्स पर रखें नजरचुनाव से पहले बिहार की तिजोरी पर भारी बोझ, घाटा तीन गुना बढ़ाStock Market Update: शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत, सेंसेक्स 145 अंक टूटा; निफ्टी 25800 के नीचे फिसलाक्या देरी से बिगड़ रही है दिवाला समाधान प्रक्रिया?

खिलौना बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत : मोदी

Last Updated- December 12, 2022 | 3:20 AM IST

परंपरा और प्रौद्योगिकी को आत्मनिर्भर भारत अभियान की बहुत बड़ी ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया। टॉयकैथॅन 2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के वर्तमान सामथ्र्य, उसकी कला-संस्कृति और भारतीय समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है और इसमें खिलौने और गेमिंग उद्योग बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘वैश्विक खिलौना बाजार करीब 100 अरब डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ डेढ़ अरब डॉलर के आसपास ही है। आज हम अपनी आवश्यकता के भी लगभग 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं। यानी इन पर देश के करोड़ों रुपये बाहर जा रहे हैं। इस स्थिति को बदलना जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि ये सिर्फ आंकड़ों की ही बात नहीं है बल्कि यह क्षेत्र देश के उस वर्ग तक विकास पहुंचाने का सामथ्र्य रखता है, जहां इसकी अभी सबसे ज्यादा ज़रूरत है। उन्होंने कहा, ‘खेल से जुड़ा जो हमारा कुटीर उद्योग है, जो हमारी कला है, जो हमारे कारीगर हैं, वो गांव, गरीब, दलित, आदिवासी समाज में बड़ी संख्या में हैं। हमारे ये साथी बहुत सीमित संसाधनों में हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति को अपनी बेहतरीन कला से निखारकर अपने खिलौनों में ढालते रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि खिलौनों से जुड़े क्षेत्र के विकास से ऐसी महिलाओं के साथ ही देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले आदिवासी और गरीबों को भी बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लेकिन ये तभी संभव है जब, हम अपने लोकल खिलौनों के लिए वोकल होंगे। लोकल के लिए वोकल होना जरूरी है।’  प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकतर ऑनलाइन या डिजिटल गेम का विचार भारतीय नहीं है और इनमें से ज्यादातर हिंसा को प्रोत्साहित करते हैं या फिर मानसिक दबाव का कारण बनते हैं।

First Published - June 25, 2021 | 12:09 AM IST

संबंधित पोस्ट