देश में कोविड-19 महामारी के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सा ग्रेड की ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की विस्तार से समीक्षा की और इसके उत्पादन में तेजी लाने का आह्वान किया। देश के कई हिस्सों में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इसके मद्देनजर ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है। गंभीर रूप से पीडि़त कोरोना मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है और उन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत होती है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक, मोदी ने देश में चिकित्सा ग्रेड की ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की विस्तार से समीक्षा की। पीएमओ के मुताबिक, इस समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, इस्पात, सड़क परिवहन व अन्य मंत्रालयों की ओर से संबंधित जानकारियां प्रधानमंत्री से साझा की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय और राज्य सरकारों के साथ सहयोग सुनिश्चित करने को कहा।
बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आक्सीजन आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और कोरोना महामारी से अत्यधिक प्रभावित 12 राज्यों में आगामी 15 दिनों में इसके अनुमानित इस्तेमाल की स्थिति की समीक्षा की।’ इन 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। इन राज्यों में ऑक्सीजन आपूर्ति की जिलावार स्थिति के बारे में एक विवरण प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
ऑक्सीजन वाहनों का आवागमन सुनिश्चित करें
केंद्र ने शुक्रवार को राज्यों को निर्देश दिया कि अपनी सीमाओं से ऑक्सीजन लेकर गुजरने वाले वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करें और कहा कि उन्हें कहीं भी आवश्यक जन स्वास्थ्य सामग्री के उत्पादन और आपूर्ति पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को यह संदेश भेजा।
मुंबई: आपूर्ति के लिए टीम
मुंबई के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारु रूप से हो सके इसके लिए बीएमसी ने छह समन्वय अधिकारियों का खास दस्ता तैयार किया है जो अस्पतालों और कोविड केंद्रों में ऑक्सीजन की किल्ली से निपटने की तैयारी करेगा।
पूर्व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का निधन
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा का शुक्रवार की सुबह दिल्ली में निधन हो गया। माना जा रहा है कि उनकी मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई। वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वह 68 वर्ष के थे। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा समझा जा रहा है कि सिन्हा के कोरोनावायरस से संक्रमित होने का पता गुरुवार रात को चला था। उन्होंने शुक्रवार तड़के करीब साढ़े चार बजे अंतिम सांस ली।
येदियुरप्पा दूसरी बार संक्रमित
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा आठ महीने में दूसरी बार कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। शुक्रवार को कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। येदियुरप्पा (78) को इससे पहले दो अगस्त, 2020 को कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भाषा
मंत्रालयों के अधीन अस्पतालों, पीएसयू को कोविड अस्पताल बनाने को कहा गया
देश में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों को सलाह दी है कि वे अपने नियंत्रण में आने वाले अस्पतालों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से समर्पित कोविड-19 अस्पताल तैयार करने को कहें या वे अस्पतालों के भीतर ही अलग वार्ड या ब्लॉक विकसित करें। साथ ही यह सलाह भी दी गई है कि वह इस बारे में विस्तृत जानकारी आम जन से साझा करे। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब देश भर में कोविड-19 के ताजा मामलों में हर दिन तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। मंत्रालयों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोविड-19 के देश भर में बढ़ते ताजा मामलों को देखते हुए उनसे ठीक वैसी ही तैयारी का आह्वान किया जा रहा है जैसा उन्होंने पिछले साल किया था। भाषा
‘हवा से फैलता है वायरस’
लैंसेट पत्रिका में शुक्रवार को प्रसारित एक नए अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात को साबित करने के मजबूत साक्ष्य हैं कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस मुख्यत: हवा के माध्यम से फैलता है। ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा से ताल्लुक रखनेवाले छह विशेषज्ञों के इस आकलन में कहा गया है कि बीमारी के उपचार संबंधी कदम इसलिए विफल हो रहे हैं क्योंकि वायरस मुख्यत: हवा से फैल रहा है। अमेरिका स्थित कोलराडो बाउल्डेर विश्वविद्यालय के जोस लुई जिमेनजे ने कहा, ‘वायरस के हवा के माध्यम से फैलने के मजबूत साक्ष्य हैं।’ उन्होंने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए यह आवश्यक है कि वे वायरस के प्रसार के वैज्ञानिक साक्ष्य को स्वीकार करें जिससे कि विषाणु के वायुजनित प्रसार को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।’ भाषा