देश के 11 स्थलों पर जलापूर्ति के मापन और उसकी निगरानी शुरू करने के बाद अगले चरण में जल जीवन मिशन अब सेंसर आधारित व्यवस्था का विस्तार 9 राज्यों के 100 गांवों तक करने जा रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे पानी के खपत के तरीके को समझने में मदद मिलेगी और बाद में इसके आधार पर पानी के मूल्य की रणनीति बनाई जा सकेगी।
जल जीवन मिशन के तहत हर ग्रामीण घर में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन बीआईएस10500 गुणवत्ता की जलापूर्ति करनी है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) पर आधारित सेंसर और फ्लोमीटर देश के 9 राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और लद्दाख के 100 गांवों में लगाए जाएंगे।
मंत्रालय हर गांव की 5 महिलाओं को जल की गुणवत्ता के परीक्षण का प्रशिक्षण दे रहा है, जिन्हें ऑनलाइन आंकड़े अपलोड करने होंगे। यह परीक्षण सामान्य और इस्तेमाल में सरल किट के माध्यम से होगा और यह सांकेतिक परिणाम देगा। अगर मिश्रण का कोई संकेत आता है तो महिलाओं का दल इसे बता सकता है और सरकार इस मामले पर आगे विचार करेगी।
जलशक्ति मंत्रालय ने 4 स्टार्टअप का चयन किया है, जो स्मार्ट जलापूर्ति मापन और निगरानी व्यवस्था विकसित करेंगे। इन स्टार्टअप ने जल शक्ति और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्रालय की ओर से पिछले साल आयोजित ग्रांड चैलेंज कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।