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एन्युटी दरों को महंगाई से जोडऩे के लिए आएगा सूचकांक

Last Updated- December 12, 2022 | 8:57 AM IST

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई)  एन्युटी दरों को सरकारी प्रतिभूतियों या महंगाई दर से जोडऩे वाले सूचकांक की  संभावना तलाश रहा है ताकि उससे  उपभोक्ताओं के जीवन स्तर का पता चल सके। 
एन्युटी उत्पाद सामान्य तौर पर कम रिटर्न देने वाले नियत दरों से हटकर फ्लोटिंग दरों की तरफ जा सकते हैं।
आईआरडीएआई के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया ने कहा, ‘यदि एन्युटी दर को इस प्रकार से नियत किया जाए कि उससे उपभोक्ताओं के जीवन स्तर का पता चले तो यह बीमाकर्ता और पॉलिसीधारक दोनों के लिए अच्छा होगा।’
इस प्रकार काम करने के लिए एक समूह का गठन किया गया है।
एन्युटी योजनाएं ग्राहकों को एकमुश्त रकम निवेश करने के बाद जीवन भर नियमित तौर पर भुगतान प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं। जीवन प्रत्याशा बढऩे और तेजी से ब्याज दरों में कमी आने के कारण बीमा उद्योग को एन्यूटी उत्पादों की मांग में तेजी से उछाल नजर आ रही है। विशेषज्ञों ने कहा है कि बैंक की ब्याज दरों में आई हालिया गिरावट से एन्युटी उत्पाद आकर्षक हुए हैं और आगामी वर्षों में इन उत्पादों की मांग लगातार बढ़ेगी क्योंकि देश की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है जहां पेंशन की सुविधा नहीं है।
नियामक ने हाल ही में सरल पेंशन नाम से एक मानक व्यक्तिगत तत्काल एन्युटी उत्पाद शुरू किया है। 1 अप्रैल तक सभी जीवन बीमाकर्ताओं को इसकी पेशकश करनी होगी। नियामक ने विगत कुछ महीनों में मानक उत्पाद पेश किए हैं इनमें मानक स्वास्थ्य उत्पाद, कोविड उत्पाद, टर्म उत्पाद आदि शामिल हैं। यह कुछ और मानक उत्पाद शुरू करने की भी योजना बना रहा है।
इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) के वार्षिक बैठक में बोलते हुए खुंटिया ने कहा कि कोरोना कवच के तहत करीब 42 लाख जीवन और कोरोना रक्षक के तहत लगभग 5,36,000 जीवन को सुरक्षित किया गया है। नियामक ने पिछले वर्ष जून में इन दो मानक कोविड उत्पादों को शुरू किया था। ये उत्पाद व्यापक स्वास्थ्य पॉलिसियों के मुकाबले सस्ते हैं।
चेयरमैन ने कहा कि बीमा कंपनियों को कहा गया है कि वे नेटवर्क प्रदाताओं (अस्पतालों) से प्रयोज्य रकम और कोविड उपचार की लागत पर करार करें। महामारी के शुरुआती दिनों में स्वास्थ्य बीमा उद्योग को प्रयोज्य के कारण लागत में वृद्घि नजर आई थी क्योंकि इन उत्पादों के लिए कोई मानक शुल्क तय नहीं था।

First Published - January 31, 2021 | 11:24 PM IST

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