वैश्विक मंदी केमंडराते खतरों के बावजूद भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) का जलवा कायम है। इन संस्थानों केछात्रों को लेने केलिए बहुराष्ट्रीय कंपनियां एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में जुटी हैं।
सबसे ज्यादा चांदी बेंगलुरु और कोझीकोड स्थित आईआईएम संस्थानों केछात्रों की है। हमारे संवाददाताओं ने इन संस्थानों का दौरा कर सूरतेहाल का जायजा लिया है।
आईआईएम, बेंगलुरु : इस संस्थान में इस साल तकरीबन 100 बहुराष्ट्रीय और 10 स्थानीय कंपनियां यहां के256 छात्रों की नियुक्ति करने पहुंचीं।
इन छात्रों को अगले कुछ महीनों में मैनेजमेंट की डिग्री से नवाजा जाएगा। पहले 2 दिनों में ही 130 से ज्यादा छात्रों को नियुक्ति कर ली गई। दिलचस्प बात यह रही है कि इतने ही छात्रों के नौकरी के एक से ज्यादा ऑफर थे।
संस्थान के सूत्रों के मुताबिक, यहां आने वाली कंपनियों में ज्यादातर इनवेस्टमेंट बैंकिंग से जुड़ी कंपनियां थीं। हालांकि छात्रों की पहली पसंद कंसलटिंग कंपनियां रहीं।
37 फीसदी छात्रों ने ऐसी कंपनियों का चयन किया। 21 फीसदी छात्रों ने इनवेस्टमेंट बैंकिंग से जुड़ी कंपनियों को चुना और 19 फीसदी ने फाइनैंस कंपनियों को।
इसकेअलावा 7 फीसदी छात्रों ने मार्केटिंग और 6 फीसदी ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलोजी की कंपनियों को चुना। 10 फीसदी छात्रों ने बाकी दूसरे क्षेत्र की कंपनियों को चुना।
सलाहकार फर्म मैकिंजी ने सबसे ज्यादा 15 छात्रों की भर्ती की। इसकेबाद इसी सेक्टर की कंपनी लेहमैन ब्रदर्स और बोस्टन कंसलटिंग ने क्रमश: 11-11 छात्रों की भर्ती की।
इस बैच में भी 4 ऐसे लोग रहे, जिन्होंने नौकरी केबजाय अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया।
इस बैच में लड़कियों की तादाद 51 है। इनमें से 20 लड़कियां अपने करियर की शुरुआत दूसरे मुल्क की धरती पर करेंगी। तकरीबन 75 फीसदी छात्रों ने भारत में ही रहने का फैसला किया है।
संस्थान में पहली बार भर्ती के लिए आने वाली कंपनियों में ब्लैकस्टोन, आईएनजी एशिया पैसिफिक, ओलिवर वाईमैन, ल्यूबा होटल्स आदि शामिल हैं।
आईआईएम कोझीकोड : इस साल इस संस्थान के छात्रों के वेतन में भारी इजाफा देखने को मिला। 2008 में पास करने वाले छात्रों का
औसत वेतन 14.83 लाख रूपये सालाना दर्ज किया गया है।
पिछले साल के मुकाबले यह आंकड़ा 16 फीसदी ज्यादा है। देश में मिलने वाले वेतन का उच्चतम आंकड़ा 28 फीसदी बढ़कर 29 लाख सालाना तक पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय वेतन के मामले में उच्चतम वेतन 1 लाख 75 हजार डॉलर ( तकरीबन 70 लाख रूपये) सालाना रहा। कैंपस भर्ती की प्रक्रिया में कुल 178 छात्र शामिल हुए।
इन छात्रों को कुल 402 ऑफर प्राप्त हुए। यहां के छात्रों को 23 अंतराष्ट्रीय ऑफर भी मिले, जिनमें अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया, लातिनी अमेरिका और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के ऑफर शामिल हैं।
भर्ती के लिए यहां पहली बार पहुंचने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में आर्थर डी लिटिल, केपीएमजी, माइक्रोसॉफ्ट, ओलेम इंटरनैशनल ओसीबीसी बैंक, रॉयटर्स आदि शामिल हैं।
इसके अलावा मैकिंजी, एक्सेंचर बिजनेस कंसलटिंग, अर्नेस्ट एंड यंग और प्राइसवाटरहाउस- कूपर्स जैसी सलाहकार कंपनियां भी भर्ती के लिए यहां पहुंचीं।
सबसे ज्यादा छात्रों को ऑफर एक्सेंचर से प्राप्त हुए। इस कैंपस के छात्रों की पहली पसंद बैकिंग और फाइनेंशल सेक्टर रहा। संस्थान के 36 फीसदी छात्रों को इस सेक्टर में अहम जिम्मेदारियां संभालने का ऑफर मिला।
इसके तहत छात्रों को असेट मैनेजमेंट, कॉरपोरेट फाइनैंस, कॉरपोरेंट बैंकिंग, हेज फंड मैनेजमेंट, प्राइवेट इक्विटी आदि क्षेत्रों में काम करने के ऑफर मिले।