प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में हंगामा करने और दोनों सदनों में नए मंत्रियों का परिचय कराने में बाधा डालने पर आज विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संसद में ऐसी नकारात्मक मानसिकता पहली बार देखी गई है। प्रधानमंत्री जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा में मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय कराने के लिए खड़े हुए विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इस व्यवधान से क्षुब्ध प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और महिला मंत्रियों का सदन में परिचय कराया जाए।
इस बीच केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्य आसन के समीप पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सीट पर लौट जाने का आग्रह किया लेकिन वे नारेबाजी करते रहे।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं सोच रहा था कि सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि हमारी महिला सांसद बड़ी संख्या में मंत्री बनी हैं…आज खुशी का माहौल होगा कि आदिवासी साथी बड़ी संख्या में मंत्री बने हैं। लेकिन शायद देश के दलित मंत्री बनें, देश की महिला मंत्री बनें, देश के ओबीसी मंत्री बनें, देश के किसानों के बेटे मंत्री बनें, यह बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है और इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते हैं।’ कमोवेश ऐसी ही स्थिति राज्यसभा में देखने को मिली जब प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय कराने के लिए खड़े हुए। हंगामे और व्यवधान के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ बार स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने सांसदों और सभी राजनीतिक दलों से संसद के मॉनसून सत्र में तीखे से तीखे सवाल करने का आग्रह किया लेकिन साथ ही कहा कि शांत वातावरण में वह सरकार को जवाब देने का मौका भी दिया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र कोविड सहित सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो क्योंकि जनता कई मुद्दों पर जवाब चाहती है। उन्होंने टीका लगाने वालों को बाहुबली करार दिया और कहा कि अब तक 40 करोड़ लोगों को कोरोना रोधी टीका लग चुका है और आगे भी यह सिलसिला तेज गति से जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्थक चर्चा से सांसदों के भी कई सुझाव मिलेंगे और महामारी के खिलाफ लड़ाई में बहुत नयापन आ सकता है। कुछ कमियां रह गई हों तो उसमें भी सुधार किया जा सकता है।