प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के बेटे-बेटियों को टिकट ना दिए जाने का फैसला सोच समझकर लिया गया था क्योंकि वंशवाद की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और पार्टी इसके खिलाफ है। प्रधानमंत्री ने यह बात भाजपा संसदीय दल की बैठक में कही। यह जानकारी सूत्रों ने दी। बैठक में चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी करने पर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा का जोरदार अभिनंदन भी किया गया।
हाल में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा की सत्ता में फिर से वापसी की। इस जीत की पृष्टभूमि में हुए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने पांच राज्यों के सांसदों को एक काम भी सौंपा और कहा कि उन्हें अपने संसदीय क्षेत्रों की कम से कम 100 बूथ की पहचान करनी चाहिए जहां भाजपा के पक्ष में अपेक्षाकृत कम मत पड़े हैं और वे इसके कारणों की भी पड़ताल करें। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने बैठक में सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि वंशवाद की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है, इसलिए पार्टी के सांसदों को वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लडऩा होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति पर अंकुश लगाने के लिए भाजपा ने अपने संगठन के भीतर ही एक कोशिश आरंभ की है।
सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने कहा कि यदि विधानसभा चुनावों में किसी सांसद के बेटे या बेटी को टिकट नहीं मिला, तो यह उनकी ही वजह से है। भाजपा के कई सांसद अपने बेटे व बेटियों के लिए टिकट चाहते थे। बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत में यह संसदीय दल की पहली बैठक थी। इसका आयोजन जनपथ स्थित आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में हुई। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मोदी ने कहा कि देश में वंशवाद की राजनीति के खिलाफ एक माहौल है और इसका सम्मान करते हुए भाजपा ने अपने नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट ना देने का फैसला किया था।
जोशी के मुताबिक मोदी ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने इस फैसले को शिरोधार्य किया और इसकी सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाले जाने के अभियान पर मोदी ने कहा कि जब सरकार अपने लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयासों में लगी थी तब कुछ नेता इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे थे और बगैर सही जानकारी और आंकड़ों के बयानबाजी कर रहे थे। बैठक में नड्डा के संबोधन के बारे में जानकारी देते हुए जोशी ने कहा कि उन्होंने पांच राज्यों के चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर अपनी बात रखी और इस दौरान कहा कि भाजपा ने देश की राजनीति की धारा को ‘एंटी इंकम्बेंसी से प्रो इंकम्बेंसी’ की ओर बदला है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान हाल में रिलीज फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की सराहना की और कहा कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए। भाषा
‘कश्मीर फाइल्स’ से सच दबाने वालों की जमात बौखलाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कश्मीर के विस्थापित हिंदुओं के दर्द पर आधारित फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ की सराहना की और अभिव्यक्ति की आजादी के झंडाबरदार होने का दावा करने वालों को ‘इसे बदनाम करने के बाबत चलाए जा रहे अभियान’ के लिए आड़े हाथों लिया। फिल्म की पटकथा को एक तरह से अनुमोदन करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनको हैरानी हो रही है कि इस सत्य को इतने वर्षों तक दबा कर रखा गया जो अब तथ्यों के आधार पर बाहर लाया जा रहा है।’ इस फिल्म को लेकर एक राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है। कांग्रेस ने इस फिल्म को लेकर कुछ आपत्तियां उठाई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने फिल्म के बारे में विस्तार से बात की और आरोप लगाया कि विभाजन और आपातकाल के दर्द को सामने लाते हुए अभी तक कोई फिल्म बनाने का प्रयास नहीं हुआ क्योंकि ‘सच्चाई को दबाने का’ लगातार प्रयास किया गया।
