पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर राज्यों को टीका आपूर्ति बढ़ाने और उनके वितरण में पारदर्शिता बरतने की सलाह देने के बाद स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने जवाब में कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर इसलिए जोर पकड़ सकी क्योंकि कांग्रेस शासित राज्य लोगों का टीकाकरण करने के बजाय टीकों के बारे में संदेह पैदा कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में विश्वसनीय विदेशी प्राधिकारों द्वारा मंजूर विदेशी टीकों के आयात को मंजूरी देने की सिफारिश की गई और सरकार गत 1 अप्रैल को ही इसका निर्णय ले चुकी है।
हर्ष वर्धन ने अपने जवाब में कहा कि सिंह ने टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए फंड और रियायत की भी अनुशंसा की है और यह निर्णय भी सिंह का पत्र प्राप्त होने के कई रोज पहले पहले ही लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार कई संस्थानों को टीका उत्पादन तेज करने के लिए फंड मुहैया करा चुकी है।
मंत्री ने जवाब में लिखा, ‘बहरहाल, इन तथ्यात्मक त्रुटियों के बावजूद हम देश को लेकर आपकी गंभीर चिंता को समझते हैं और आपको आश्वस्त करते हैं कि हमारी चिंताएं साझा हैं।’
हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं की गैरजिम्मेदाराना सार्वजनिक घोषणाओं के कारण कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से नीचे रहा।
उन्होंने मनमोहन सिंह को लिखा कि कांग्रेस में जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं और कांग्रेस शासित राज्य ही उनके विचार से सहमत नहीं दिखते।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘कांग्रेस के कई सदस्यों और कांग्रेस शासित राज्यों ने वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने के बजाय इन टीकों की क्षमता को लेकर गलतबयानी की जिससे लोगों के मन में इन्हें लेकर हिचक पैदा हुई। उन्होंने देशवासियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘आपकी पार्टी के एक मुख्यमंत्री ने किसी प्रदेश के ऐसे पहले मुखिया होने का गलत रिकॉर्ड कायम किया है जिन्होंने सीधे लोगों को स्वदेशी टीके के खिलाफ भड़काने का काम किया। कुछ कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से टीकों का मजाक उड़ाया लेकिन चुपके से वही टीका खुद लगवा लिया।’
वर्धन ने कहा कि सिंह की यह सलाह गलत है कि सरकार को टीकाकरण के कुल आंकड़ों के बजाय आबादी के प्रतिशत के हिसाब से आकलन करना चाहिए। उन्होंने लिखा, ‘ऐसा लगता है कि जिन लोगों ने आपके पत्र का मसौदा तैयार किया या आपको सलाह दी, उन्होंने आपको उन तथ्यों के बारे में भी गलत जानकारी दी जो पहले से सार्वजनिक रूप से मौजूद हैं।’
इस जबानी जंग में शामिल होते राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन की आलोचना की और कहा कि उन्होंने कोविड-19 प्रबंधन को लेकर मनमोहन सिंह के लिखे पत्र का जो जवाब दिया है वह राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि हर्ष वर्धन की प्रतिक्रिया खेदजनक और निंदनीय है।
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने मौजूदा प्रधानमंत्री को टीकाकरण के बारे में सकारात्मक सुझाव दिए जो जनहित में हैं। उन्होंने सरकार की आलोचना नहीं की है।
उन्होंने ट्वीट किया कि ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का राजनीति प्रेरित जवाब देना निंदनीय है।
मनमोहन सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोविड-19 संकट से निपटने के पांच उपाय सुझाए थे। इनमें टीकाकरण और टीकों की आपूर्ति बढ़ाने जैसी बातें शामिल थीं।