facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

साहसिक निर्णय और निवेश का समय

Last Updated- December 15, 2022 | 1:21 PM IST

कोविड-19 से देश की अर्थव्यवस्था को हुए तगड़े नुकसान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मौजूदा वक्त मजबूत निर्णय लेने और साहसिक कदम उठाने का है। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है जब देश को पुरानी मानसिकता से आगे निकलकर आत्मनिर्भर बनाना चाहिए और आयात पर निर्भरता कम करनी चाहिए। उन्होंने देश में कारोबार में सरकार के कम से कम हस्तक्षेप की ओर भी इशारा किया।
 मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के 95वें सालाना सत्र को संबोधन के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘यह समय अब पुरानी सोच को छोड़कर अर्थव्यवस्था को अधिक स्वाबलंबी बनाने का है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्वाभाविक गति से आगे बढ़ाने के लिए खुली सोच के साथ साहसिक निर्णय लेने होंगे और एक मजबूत नजरिये के साथ आगे बढऩा होगा।’ इस महीने दूसरी बार प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से सीधे संवाद किया। देश की अर्थव्यवस्था इस वक्त बुरे दौर से गुजर रही है और कुछ दिनों पहले ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सॉवरिन रेटिंग घटा दी थी। बुधवार को वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) ने भारत की निवेश रेटिंग सबसे निचले स्तर पर बरकरार रखी, लेकिन आर्थिक परिदृश्य स्थिर बताया था। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि समान आय स्तर देश दीर्घ अवधि में अपने प्रतिस्पद्र्धी देशों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की स्थिति में दिख रहा है। एसऐंडपी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 5 प्रतिशत सिकुड़ेगी, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत दर से आगे बढ़ेगी। 
मोदी ने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुए हालात को एक असवर के  रूप में देखा जाना चािहए और इस नजरिये के साथ आगे बढऩे के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कोविड महमारी से भारत के साथ ही दुनिया के लगभग सभी देशों को झटका लगा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें एक स्वाबलंबी भारत के निर्माण के लिए मौजूदा संकट को एक अवसर में तब्दील करना होगा। देश को स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करनी होगी। वास्तव में हम जिन वस्तुओं का आयात विदेश से करते हैं उनका आयात करने पर काम करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में विनिर्माण उद्योगो को पुनर्जीवित करना होगा, जिससे कोलकाता देश के पूर्वी हिस्से में इस खंड में एक अहम केंद्र बन सकता है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल की अस्मिता से जुड़े तथ्यों का भी जिक्र किया। स्वामी विवेकानंद का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने एक बार लिखा था कि भारतीयों को स्वयं के लिए उत्पादन करना चाहिए और अन्य देशों में बाजार तलाशना चाहिए। मोदी ने कहा कि विवेकानंद की बहुत इच्छा थी कि देश चिकित्सा उपकरणों, विनिर्माण, रक्षा विनिर्माण, कोयला एवं खनिज, खाद्य तेल और अन्य कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बने। राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने देश के उद्योगपतियों को स्वास्थ्य उपकरण, रक्षा, खनिज, खाद्य तेल, उर्वरक, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, बैटरी और विमानन क्षेत्र के अधिक से अधिक विकास पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमने अब कोयला और खनिज क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है और अब उद्योगपतियों के आगे आने की बारी है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के राहत उपायों की घोषणा की थी।

First Published - June 11, 2020 | 10:50 PM IST

संबंधित पोस्ट