प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, सौ देशों के राजदूत 4 दिसंबर को पुणे आ रहे हैं जो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और जेनोवा बायोफार्मा का दौरा करेंगे।
सीरम इंस्टीट्यूट पुणे में ऑक्सफर्ड द्वारा विकसित एस्ट्राजेनेका टीके का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के टीके की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को हैदराबाद स्थित जायडस बायोटेक पार्क, भारत बायोटेक तथा सीरम इंस्टीट्यूट का दौरा किया था।
मोदी ने सोमवार को स्वदेशी स्तर पर टीका विकसित करने में लगीं जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई. और डॉ.रेड्डीज लैबोरेटरीज द्वारा किए जा रहे विकास की प्रगति की वर्चुअल तरीके से समीक्षा की।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि स्वीडन भारत के साथ कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं जीव विज्ञान के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करना चाहता है। लग्जमबर्ग स्थित कंपनी बी सिस्टम्स पोर्टेबल टीका प्रशीतन उपकरण का उत्पादन करने के लिए भारत के साथ साझेदारी कर रही है।
सरकार ने हाल ही में स्वदेशी स्तर पर टीका निर्माण को बढ़ावा देने हेतु अनुसंधान एवं विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को ‘मिशन कोविड सुरक्षा’ के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। अभी तक जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 10 टीका निर्माताओं को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है और 5 टीका निर्माता मानवीय परीक्षण के चरण में हैं।
टीका निर्माताओं के साथ ऑनलाइन बातचीत में मोदी ने कंपनियों से विनियामक प्रक्रियाओं एवं संबंधित मामलों पर अपने सुझाव एवं विचार साझा करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वे टीका विकास एवं इससे जुड़े तथ्यों से आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरल भाषा में संवाद स्थापित करें।
