अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को मैक्सिको और कनाडा पर प्रस्तावित टैरिफ को 30 दिनों के लिए रोकने का फैसला किया है। यह कदम तब उठाया गया जब दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा और ड्रग तस्करी को लेकर ट्रंप की चिंताओं को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाए।
नॉर्थ अमेरिका में संभावित व्यापार युद्ध की आशंका के बीच राहत की खबर सामने आई है। इस विवाद से आर्थिक विकास में गिरावट, महंगाई और व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ने का खतरा था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा, “मैं इस प्रारंभिक नतीजे से बेहद खुश हूं। शनिवार को घोषित किए गए टैरिफ को 30 दिनों के लिए रोका जाएगा ताकि कनाडा के साथ अंतिम आर्थिक समझौता किया जा सके। सबके लिए न्याय जरूरी है।”
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 3, 2025
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने X पर जानकारी दी कि उनकी सरकार इस दिशा में कई अहम कदम उठाएगी। इनमें एक फेंटानिल जार की नियुक्ति, मैक्सिकन कार्टेल्स को आतंकवादी संगठन घोषित करना और अमेरिका के साथ मिलकर संयुक्त टास्क फोर्स बनाना शामिल है। यह टास्क फोर्स संगठित अपराध, फेंटानिल की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने पर काम करेगी।
शनिवार को ट्रंप ने ऐलान किया कि वे कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने चीन से इम्पोर्ट होने वाले सामानों पर 10% टैरिफ लगाने का भी प्रस्ताव रखा है। ट्रंप की योजना में कनाडा से आयातित ऊर्जा संसाधनों पर 10% टैरिफ लगाने का प्लान भी शामिल है।
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फिलहाल के लिए टली ट्रेड वॉर, लेकिन अनिश्चितता बरकरार
अमेरिका और मेक्सिको के बीच फिलहाल ट्रेड वॉर टल गया है। दोनों देशों के बीच ड्रग तस्करी और अवैध इमिग्रेशन को लेकर बातचीत का टाइम दिया गया है। हालांकि, चाइना से होने वाले इम्पोर्ट पर 10% टैरिफ अभी भी लागू है। ट्रंप जल्द ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस पर डिस्कशन करेंगे।
ट्रेड वॉर का इमीडिएट खतरा भले ही टल गया हो, लेकिन भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। ट्रंप दोबारा टैरिफ लगा सकते हैं और यूरोपियन यूनियन से इम्पोर्ट होने वाली प्रोडक्ट्स पर भी टैरिफ लगाने की तैयारी में हैं। शनिवार को ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से इम्पोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर 25% टैरिफ लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, कनाडा से ऑयल, नैचुरल गैस और इलेक्ट्रिसिटी पर 10% अलग से टैरिफ लगाया गया है।
हालांकि ट्रंप पहले ही इन एक्शन्स के हिंट दे चुके थे, फिर भी ये कदम इन्वेस्टर्स, बिज़नेसमैन और लॉमेकर्स के लिए सरप्राइजिंग साबित हुए।