अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने बुधवार (स्थानीय समय) को कहा कि वह बीजिंग के साथ ट्रेड वार की बातचीत शुरू करने के लिए चीन के 145 फीसदी टैरिफ को कम करने पर विचार नहीं करेंगे। सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या व्हाइट हाउस चीन को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए आयात शुल्क वापस लेने के लिए तैयार है, तो ट्रम्प ने नकारात्मक जवाब दिया। उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट की स्विट्जरलैंड में अपने चीनी समकक्ष के साथ होने वाली बैठक से कुछ दिन पहले आई है। दोनों के व्यापार और इकनॉमिक मसलों पर चर्चा करने की उम्मीद है।
चीन ने बुधवार को कहा कि बैठक का अनुरोध अमेरिका ने किया था और बीजिंग प्रस्तावित वार्ता से पहले ट्रम्प के टैरिफ में बढ़ोतरी का दृढ़ता से विरोध करता है। मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ट्रम्प ने चीन के इस दावे को खारिज कर दिया कि अमेरिका ने स्विट्जरलैंड में इस हफ्ते ट्रेड वार्ता शुरू की थी। उन्होंने कहा, “उन्होंने कहा कि हमने शुरू किया? खैर, मुझे लगता है कि उन्हें वापस जाना चाहिए और अपनी फाइलें देखनी चाहिए।”
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यूरोप में प्रस्तावित व्यापार वार्ता से वह क्या उम्मीद करते हैं, इस बारे में पूछे जाने पर ट्रम्प ने कहा, “हम देखेंगे… हम एक लाख करोड़ डॉलर सालाना खो रहे थे, अब हम कुछ भी नहीं खो रहे हैं, आप जानते हैं? मैं इसे इसी तरह देखता हूं।”
बता दें, सोमवार को NBC के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ट्रम्प ने कहा कि चीनी वस्तुओं पर टैरिफ को कम किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वाशिंगटन और बीजिंग दोनों ने व्यापार वार्ता पर अपना रुख नरम कर लिया था। इंटरव्यू के दौरान, ट्रम्प ने चीन पर टैरिफ के असर को स्वीकार करते हुए कहा कि वहां कारखाने बंद हो गए हैं और बेरोजगारी “बहुत ज्यादा” हो गई है।
2 मई को, चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बीजिंग व्यापार चर्चा शुरू करने के लिए अमेरिका द्वारा किए गए प्रस्तावों का आकलन कर रहा है, लेकिन जोर देकर कहा कि ट्रम्प को पहले अपनी “एकतरफा टैरिफ बढ़ोतरी” कैंसिल करनी चाहिए।
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टैरिफ वार शुरू होने के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता काफी हद तक ठप है। 2 अप्रैल को, ट्रम्प ने 100 से ज्यादा देशों पर जवाबी टैरिफ की घोषणा की। साथ ही सभी आयात पर 10 फीसदी बेसलाइन टैरिफ भी लगाया। जबकि उन्होंने चीन पर 34 फीसदी पारस्परिक टैरिफ लगाया। बीजिंग ने अपने टैरिफ के साथ जवाबी कार्रवाई की, जिससे व्यापार वार गहरा गया।