US China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव अब और ज्यादा गहरा सकता है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका बुधवार (8 अप्रैल) को पूर्वी समयानुसार रात 12:01 बजे (0401 GMT) से चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू करेगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार विवाद को और बढ़ा सकता है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन जैसी कुछ देश अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार कर रहे हैं। हाल के हफ्तों में ट्रंप ने कई बार विदेशी देशों पर यह आरोप लगाया कि वे अमेरिकी सामान पर भारी टैक्स लगाते हैं और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सोमवार (7 अप्रैल) को राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर चीन ने हाल ही में लगाए गए 34% के जवाबी टैरिफ वापस नहीं लिए, तो अमेरिका और भी ज्यादा टैरिफ लगा सकता है। बीजिंग पर पहले दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर चीन ने आगे कोई और कदम उठाया तो अमेरिका तुरंत और कहीं ज्यादा सख्त टैरिफ लगाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अमेरिका चीन के साथ सभी व्यापारिक वार्ताएं स्थगित कर रहा है और अब वह अन्य देशों के साथ समझौते करने को प्राथमिकता देगा।
व्हाइट हाउस ने AFP को बताया है कि बुधवार से लागू होने वाले पहले से घोषित 34% टैरिफ के साथ अब इस नई टैरिफ बढ़ोतरी को भी जोड़ा जाएगा, जिससे इस साल चीन से आयात पर कुल टैरिफ 104% तक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत से होने वाले आयात पर भी 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो उनकी व्यापक व्यापार नीति बदलाव का हिस्सा है।
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इससे पहले चीन ने ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी को “ब्लैकमेल” बताया था और कहा था कि वह “आखिरी दम तक मुकाबला करेगा”। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की अमेरिका की धमकी एक के बाद एक गलती है, जो अमेरिका की ब्लैकमेलिंग की मानसिकता को एक बार फिर उजागर करता है।”
टैरिफ वॉर के चलते वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। S&P 500 फरवरी में अपने उच्चतम स्तर से अब तक 20% तक गिर चुका है। वहीं, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी अपने शिखर से 17% से ज्यादा टूट चुका है। पिछले हफ्ते नैस्डैक ‘बेयर मार्केट’ ज़ोन में प्रवेश कर गया है।
उधर चीन में, हैंग सेंग टेक इंडेक्स सिर्फ एक महीने में 27% तक गिर गया है। चीनी मुद्रा युआन जनवरी के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, चीनी सरकारी बॉन्ड में जोरदार तेजी देखी गई है।