Trump trade talks deadline: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह 9 जुलाई की डेडलाइन से पहले जिन देशों के साथ व्यापार वार्ता चल रही है, उनके लिए इस समयसीमा को आगे बढ़ाने को तैयार हैं। यह डेडलाइन उनकी ‘व्यापक टैरिफ नीति’ (sweeping tariffs) के लागू होने से पहले तय की गई है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने यह बात कैनेडी सेंटर में एक कार्यक्रम से पहले कही। उन्होंने कहा, “हमें लगता नहीं कि डेडलाइन को आगे बढ़ाने की ज़रूरत होगी, लेकिन अगर अच्छे इरादे से बातचीत चल रही है, तो हम समय दे सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोपीय संघ समेत 15 देशों के साथ व्यापार वार्ता चल रही है। ट्रंप ने कहा, “हम कई देशों से डील करने की स्थिति में हैं और वे सभी हमारे साथ समझौता करना चाहते हैं।”
अमेरिका जल्द ही कई देशों को प्रस्ताव पत्र भेजेगा, जिसमें यह लिखा होगा, “यह डील है, लेना है तो ले सकते हैं, वरना छोड़ सकते हैं।” ट्रंप ने कहा कि “एक समय के बाद हम सीधे पत्र भेजेंगे… हम अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं, लेकिन यह प्रक्रिया शुरू होने वाली है।”
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अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने हाउस वेज़ एंड मीन्स कमेटी को बताया कि जिन देशों या व्यापारिक ब्लॉक्स (जैसे EU) के साथ ईमानदारी से बातचीत हो रही है, उनके लिए 90 दिन की डेडलाइन (जो 9 जुलाई को खत्म हो रही है) को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया, “अगर कोई देश बातचीत नहीं कर रहा है, तो उनके लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।”
ट्रंप प्रशासन ने अब तक केवल ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौता किया है। वहीं, 17 अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। इस बयान से एक दिन पहले फेडरल अपील कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को टैरिफ वसूलते रहने की मंजूरी दे दी थी।
मंगलवार को लंदन में अमेरिका और चीन के बीच भी एक अलग व्यापार समझौता हुआ, जिससे द्विपक्षीय ट्रेड वार को कम करने की दिशा में प्रयास हुआ है। इस डील के लिए 10 अगस्त की नई डेडलाइन तय की गई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अभी इस करार को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच करार हो गया है। इसके तहत चीन मैग्नेट और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति करेगा वहीं अमेरिका अपने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में चीनी छात्रों को पढ़ने की अनुमति देगा। ट्रंप ने अपने संक्षिप्त बयान में ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘हमें कुल 55 प्रतिशत टैरिफ मिल रहा है, चीन को 10 प्रतिशत मिल रहा है। यह साझेदारी उत्कृष्ट है!’
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि यह समझौता अमेरिका को चीन से आयातित सामान पर 55 प्रतिशत शुल्क लगाने की अनुमति देता है। इसमें 10 प्रतिशत बेसलाइन ‘पारस्परिक’ टैरिफ, फेंटेनल तस्करी के लिए 20 प्रतिशत टैरिफ और पूर्व-मौजूदा टैरिफ को दर्शाने वाला 25 प्रतिशत टैरिफ शामिल है। अधिकारी ने कहा कि चीन इसी तरह अमेरिकी आयात पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अभी इस करार को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।