अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का तैनात रणनीतिक परमाणु हथियारों की सीमा बनाए रखने का प्रस्ताव उन्हें “अच्छा विचार” लगता है।
दरअसल, पुतिन ने पिछले महीने यह पेशकश की थी कि रूस स्वेच्छा से उन सीमाओं का पालन करता रहेगा जो 2010 के न्यू स्टार्ट समझौते में तय की गई थीं। यह समझौता फरवरी में समाप्त हो रहा है। पुतिन ने कहा था कि अगर अमेरिका भी ऐसा ही कदम उठाता है, तो रूस इस समझौते के प्रावधानों को मान्यता देता रहेगा।
व्हाइट हाउस से रवाना होते समय जब पत्रकारों ने ट्रंप से इस पर सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया— “यह मुझे अच्छा विचार लगता है।”
रूस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत वासिली नेबेंजिया ने हाल में कहा था कि मास्को अभी भी ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है कि अमेरिका इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देश इस समझौते के तहत परमाणु हथियारों की सीमा बनाए रखने पर सहमत हो जाते हैं, तो यह उस पृष्ठभूमि में एक अहम कदम होगा जब अगस्त के मध्य में अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ा है।
इसी बीच, पुतिन ने रविवार को जारी एक वीडियो संदेश में चेतावनी दी कि अगर अमेरिका यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देता है, जो रूस की गहराई तक निशाना साध सकती हैं, तो इससे “वॉशिंगटन और मास्को के संबंध नष्ट हो जाएंगे।”
उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका ने यह कदम उठाया, तो हमारे रिश्ते खत्म हो जाएंगे या फिर हाल में जो सकारात्मक रुझान दिखे हैं, वे भी समाप्त हो जाएंगे।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने पिछले महीने कहा था कि वॉशिंगटन यूक्रेन की उस मांग पर विचार कर रहा है जिसमें उसने रूस के भीतर, यहां तक कि मॉस्को तक हमले में सक्षम मिसाइलें देने की बात कही है। हालांकि, इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी और अन्य तीन सूत्रों ने बताया कि टॉमहॉक मिसाइलों को यूक्रेन भेजना फिलहाल मुश्किल हो सकता है क्योंकि इन मिसाइलों का मौजूदा भंडार अमेरिकी नौसेना और अन्य रक्षा जरूरतों के लिए तय है।
ट्रंप ने रविवार को वर्जीनिया तट के पास अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश का दौरा किया और इसके बाद हैरी एस. ट्रूमैन पोत पर भाषण देने वाले हैं।
गौरतलब है कि टॉमहॉक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 2,500 किलोमीटर है। ऐसे में यदि यूक्रेन को यह मिसाइलें मिलती हैं, तो पूरा यूरोपीय रूस और क्रेमलिन इसके दायरे में आ जाएंगे।