अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मुलाकात करेंगे। यह असीम मुनीर का अमेरिका का पहला आधिकारिक दौरा है, जो ऐसे समय हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर अप्रैल और मई में हुई झड़पों के बाद तनाव बढ़ा हुआ है।
ट्रंप और मुनीर की लंच मीटिंग दोपहर 1 बजे (स्थानीय समयानुसार) कैबिनेट रूम में होगी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मुनीर इस पांच दिन के अमेरिकी दौरे के दौरान विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से भी मुलाकात करेंगे।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले में 26 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। भारत ने इसका सीधा आरोप पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों पर लगाते हुए इसे सीमा पार से किया गया हमला बताया था। पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज किया।
इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया गया। भारत के मुताबिक, इन हमलों में 100 से ज़्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
इसके बाद भारत ने 23 मई से दुनिया के 25 अहम देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई सदस्य भी शामिल थे। पाकिस्तान ने भी अपनी तरफ से विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी के नेतृत्व में अलग-अलग देशों में राजनयिक अभियान चलाया।
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राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने दोनों परमाणु देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद की। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल कर भारत और पाकिस्तान को बातचीत के लिए राज़ी किया। हालांकि भारत ने साफ कहा है कि यह मुद्दा पूरी तरह द्विपक्षीय है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है।
असीम मुनीर को पिछले महीने पाकिस्तान में फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई है, जो एक औपचारिक और सम्मानजनक पद होता है। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि वह अब देश के सबसे ताकतवर सैन्य अधिकारियों में गिने जाते हैं। उनका यह अमेरिका दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब ट्रंप ने हाल ही में कनाडा में आयोजित G7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित बैठक को रद्द कर दिया था। हालांकि मोदी ने सम्मेलन को संबोधित किया, लेकिन ट्रंप वेस्ट एशिया की उभरती स्थिति को लेकर अपनी यात्रा बीच में छोड़कर लौट आए थे।
मुनीर के इस दौरे को आमतौर पर रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित माना जा रहा है, लेकिन उनके अमेरिकी अधिकारियों से होने वाली बैठकों का कोई आधिकारिक एजेंडा सामने नहीं आया है। जानकारों का मानना है कि यह दौरा राजनयिक रूप से काफी संवेदनशील है, खासकर ऐसे समय जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और अमेरिका भी इस क्षेत्र में अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है।