अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान किया। एक तरफ उन्होंने भारत से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का आदेश दिया, तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ नया तेल समझौता करने की घोषणा की।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान अब मिलकर पाकिस्तान में तेल भंडारों की खोज और उनका विकास करेंगे। यह घोषणा उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर की। ट्रंप ने पोस्ट किया, “हमने अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसमें अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान के विशाल तेल भंडारों पर काम करेंगे। हम जल्द ही उस तेल कंपनी का चयन करेंगे जो इस साझेदारी की अगुवाई करेगी। कौन जानता है, शायद एक दिन वे भारत को तेल बेचेंगे!”
हालांकि ट्रंप ने यह नहीं बताया कि यह प्रोजेक्ट कब शुरू होगा और इसमें कौन-कौन सी कंपनियां शामिल होंगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद कहा था कि दोनों देश एक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के बहुत करीब हैं। ट्रंप की घोषणा उसी के कुछ दिन बाद आई है।
इसी दिन ट्रंप ने भारत से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान भी किया। ये नए शुल्क 1 अगस्त से लागू होंगे। ट्रंप ने इसकी वजह भारत की ऊंची व्यापारिक शर्तें, रूस से ऊर्जा और रक्षा उपकरण खरीदना, और भारत के ब्रिक्स (BRICS) समूह में शामिल होने को बताया। उन्होंने ब्रिक्स को ‘अमेरिका विरोधी नीतियों वाला समूह’ कहा और चेतावनी दी कि जो भी देश इसमें भाग लेगा, उस पर 10% अतिरिक्त टैक्स लगाया जा सकता है।
उन्होंने भारत की व्यापार नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जटिल और परेशानी वाला गैर-टैरिफ ट्रेड बैरियर सिस्टम चलाता है।”
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने चीन को टैरिफ में थोड़ी राहत दी है और भारत के साथ भी व्यापार वार्ताएं चल रही हैं।
भारत सरकार ने ट्रंप के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इसकी गंभीरता से समीक्षा कर रही है और अमेरिका के साथ संतुलित व्यापार समझौते के लिए कमिटेड है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को संज्ञान में लिया है। हम इसके प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। दोनों देश पिछले कई महीनों से आपसी सहमति वाले व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं और भारत इस दिशा में पूरी तरह कमिटेड है।”
भारत और अमेरिका के बीच अब तक 5 दौर की बातचीत हो चुकी है और छठा दौर अगस्त के आखिर में प्रस्तावित है। लेकिन बात GM फसलों (जेनेटिकली मॉडिफाइड क्रॉप्स) और अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स के आयात पर आकर अटक गई है। भारत में कृषि और दुग्ध उद्योग राजनीतिक और आर्थिक रूप से बेहद संवेदनशील मुद्दे हैं, और सरकार इन क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।