facebookmetapixel
New Year Eve: Swiggy, Zomato से आज नहीं कर सकेंगे ऑर्डर? 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल परGold silver price today: साल के अंतिम दिन मुनाफावसूली से लुढ़के सोना चांदी, चेक करें ताजा भाव2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत

चुनाव के पहले ट्रंप प्रशासन ने वीजा नियम फिर से किए सख्त

Last Updated- December 14, 2022 | 11:01 PM IST

अमेरिका सरकार ने कुछ ऐसे नियम जारी किए हैं जिनके कारण विदेशी कर्मचारियों को नियुक्ति देने के लिए अमेरिकी कंपनियों को ज्यादा धनराशि खर्च करनी पड़ेगी। इतना ही नहीं उसने वीजा आवेदकों के लिए भी दायरा सीमित किया है।
श्रम मंत्रालय ने एच-1बी, एच-1बी1, ई-3 और आई-140 वीजा के लिए न्यूनतम वेतन में इजाफा कर दिया है। मौजूदा वेतन चार श्रेणियों में बंटा हुआ है। ये प्राथमिक कौशल से लेकर अनुभवी तक की चार श्रेणियां हैं।
नियम में बदलाव के बाद इन चारों श्रेणियों के वेतन को श्रम सांख्यिकी  ब्यूरो के सर्वेक्षण वाले वेतन के क्रमश: 17, 34, 50 और 67 प्रतिशत से बढ़ाकर 45, 62, 78 और 95 प्रतिशत कर दिया गया है। यह वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू है। एच-1बी वीजा में से ज्यादातर एकदम निचले स्तर पर काम के लिए जारी किए जाते हैं और उनके वेतन में सर्वाधिक इजाफा किया गया है।
विभाग ने एक वक्तव्य जारी करके कहा कि इन बदलावों का प्रमुख उद्देेश्य यह है कि मौजूदा चार स्तर वाला वेतन ढांचा कुछ ऐसा बने कि अमेरिकी कामगारों द्वारा अर्जित किया जाने वाला वास्तविक वेतन उसी काम में लगे विदेशी कामगारों के समान हो सके।
यह निर्णय उस समय लिया गया है जब तीन सप्ताह से भी कम समय के भीतर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पुनर्निर्वाचन के लिए चुनाव मैदान में होंगे। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही उनका रुख आव्रजन विरोधी रहा है। कोविड-19 महामारी के आगमन के बाद से अमेरिका सरकार लगातार वीजा नियमों को लेकर कड़ा रुख दिखाती रही है ताकि विदेशी श्रमिकों पर अमेरिकी श्रमिकों को तरजीह दी जा सके।
मुंबई स्थित आव्रजन कानून कंपनी लॉक्वेेस्ट की संस्थापक और प्रबंध साझेदार पूर्वी चौटानी कहती हैं, ‘अमेरिकी नियोक्ताओं को ज्यादा वेतन देना होगा और कर्मचारियों को एच-1बी वीजा के लिए अधिक मुश्किलों का सामना करना होगा।’ न्यूयॉर्क स्थित आव्रजन सेवा विधि फर्म फ्रैगोमेन के मुताबिक, ‘इस नियम को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू होने की पूरी संभावना है। श्रम विभाग ने तत्काल प्रभाव से नियम लागू करके एक दुर्लभ कदम उठाया है। न तो कोई अग्रिम नोटिस दिया गया और न ही सार्वजनिक टिप्पणियों का अवसर। इतना ही नहीं इसके आर्थिक प्रभाव का भी आकलन नहीं किया गया। ऐसे में इन्हें चुनौती मिलने की पूरी संभावना है। अन्य मामलों के वादी नियमों के प्रवर्तन पर अदालत से इस आधार पर रोक लगवा सकते हैं कि इन्हें न्यायालय में चुनौती दी गई है।’
इसी प्रकार आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने एच-1बी वीजा अर्हता को कड़ा करने के लिए एक लंबी योजना वाला नियमन जारी किया है। इसके अलावा एच-1बी नियोक्ताओं पर नए दायित्व थोपे गए हैं। नए नियम के तहत कंपनियों को अब ‘वास्तविक कर्मचारियों’ के समक्ष ‘वास्तविक’ पेशकश करनी होगी। ऐसा करके कमियों को दूर करने और अमेरिकी कर्मचारियों के रोजगार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। एच1-बी याचिका की मंजूरी के पहले, दौरान और बाद में कार्यस्थल की निगरानी और निगरानी अनुपालन का प्रवर्तन करने की क्षमता भी मंत्रालय के अधीन होगी।
नैसकॉम का मानना है कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम में किया गया बदलाव प्रतिभाओं की राह रोकेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा। उसके मुताबिक यह अमेरिकी हितों को प्रभावित करेगा और कोविड संकट के बीच शोध एवं विकास को प्रभावित करेगा।

First Published - October 7, 2020 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट