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ब्रिटेन में बसने का सपना हुआ महंगा

Last Updated- December 10, 2022 | 5:18 PM IST

पेनसिलवेनिया में जन्मी फ्रैंकिन स्टोन पिछले 25 साल से ब्रिटेन में रह रही हैं लेकिन ब्रिटेन के बाहर जन्मे लोगों पर लागू किए गए नए टैक्स कानून के चलते, मध्य एशिया और इस्लामिक मामलों की इस शोधार्थी के लिए शायद अब यहां रहना मुमकिन न होगा।


प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने यूनियनो और लेबर पार्टी के कानून निर्माताओं की पहल पर एक ऐसे कानून के लिए मंजूरी दे दी है जिसके तहत उन लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा जिनका जन्म ब्रिटेन में नहीं हुआ और जो इसी  आधार पर अपनी बाहरी आय पर कर चुकाने से बचते रहे हैं।


यह योजना जहां ज्यादातर करोड़पतियों  से कर वसूली का रास्ता खोल देगी वहीं स्टोन जैसे लोगों के लिए ब्रिटेन में रहना महंगा सौदा बन जाएगा जो विदेशी आय के नाम पर अपनी जेब ढीली होने से बचाते हैं। नए कानून के तहत 6 अप्रैल से उन सभी विदेशी नागरिकों को जो 7 साल से ब्रिटेन में रह रहे हैं और यह दावा करते हैं कि उनकी कर भूमि ब्रिटेन के बाहर है, को घोषणा करनी होगी और विदेशी आय पर कर देना होगा।


ऐसा न करने पर 30000 पाउंड  (60000 अमेरिकी डॉलर) सालाना चुकाने पड़ेंगे। ब्रिटेन में वॉलिंटन के बाहर रहने वाली, 63 साल की स्टोन कहती हैं कि स्वाभिमानी और ईमानदार लोगों को भी धनाढ्यों के साथ पिसना पड़ेगा। यह हम जैसे लोगों के साथ यह बर्ताव सही नहीं है।


ऐसे गैर-नागरिक निवासी जो फ्लैट की फीस नहीं चुकाते,  ब्रिटिश नागरिकों की तरह ही विदेशी परिसंपत्तियों से आय पर लगने वाले कर चुकाएंगे। ब्रिटिश कोष के मुताबिक इससे राजकोषी वर्ष 2010 तक सरकार की जेब में 700 मिलियन पाउंड अतिरिक्त जाएंगे। वैसे गैर नागरिक निवासी ब्रिटिश खजाने में फिलहाल 4 बिलियन पाउंड का सालाना योगदान देते हैं।


एलिस्टेयर डर्लिंग का अनुमान है कि इस समय ब्रिटेन में करीब 1 लाख 15 हजार गैर निवासी नागरिक हैं जो इस कानून से प्रभावित होंगे लेकिन केवल 4000 लोग ही 60000 डॉलर की फीस चुकाएंगे।


टैक्स बिल


जहां तक बाकी लोगों का सवाल है तो नए कर एक्जेंपशन फीस से कम होंगे। उदाहरण के लिए दुबई में जन्मा एक गैर नागरिक जो सालाना 50000 पाउंड का ब्याज देने वाले निवेश पर जिंदगी गुजार रहा है 20,000 पाउंड के कर बिल के अधीन होगा जबकि दुबई में आयकर की दर शून्य है।


अमेरिका में जन्म्मे और पिछले 32 साल से लंदन में रह रहे कंप्यूटर कंसल्टेंट वॉल्टर ज्विक को नई कर योजना से कोई परेशानी नहीं है। वॉल्टर का अंदाजा है कि  उनके टैक्स बिल में केवल 1000 पाउंड का इजाफा होगा। वह आगे कहतें हैं कि अगर आप पिछले 33 साल से यहां रह रहे हैं तो कहना मुश्किल है कि आप गैर नागरिक हैं। सभी हमेशा से जानते थे कि यह एक निराधार सी रियायत थी।


राजस्व हानि


इस नई कर योजना के बारे में विचार अलग जरूर हो सकते हैं लेकिन एक खतरा जिसे आसानी से भांपा जा सकता है वह यह कि गैर नागरिकों के ब्रिटेन छोड़ने  के चलते यह योजना फायदा कम नुकसान ज्यादा देगी। इससे कर से मिलने वाले राजस्व में कमी होने के आसार हैं।


कंपास एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के हिस्सेदार और सिटी ग्रुप इंक के यूरोपीय विलय और अधिग्रहण मामलों के पूर्व मुखिया फिलिप कीविल  की यही राय है। सरकार को भी शक है कि नए कानून के चलते करीब 3000 लोग ब्रिटेन छोड़ देंगे। कीविल इस फैसले को जलन की राजनीति की संज्ञा देते हैं। कीविल के मुताबिक यह बेहद मुशिकल हालात हैं।  उन्हें लगता है बदलाव से केवल धनी लोगों पर फर्क पड़ेगा।

First Published - April 6, 2008 | 10:36 PM IST

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