सब प्राइम मॉर्गेज संकट ने सारी दुनिया की नींद उड़ा रखी है। इस कड़ी में अगला शिकार हैं बीमा कंपनियों में ऊंचे ओहदे पर बैठे अधिकारी।
इस संकट के चलते बैंको ने इन अधिकारियों को मिलन वाले बोनस वगैरह पर कैंची चलाना शुरू कर दिया है। अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप इंक ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्टिन सलीवेन के साल 2007 के बोनस में 42 फीसदी की कटौती की है। दुनिया की इस सबसे बड़ी बीमा कंपनी को 89 साल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है।
उधर एंबेक फाइनेंशियल ग्रुप इंक के मुख्य कार्यकारी रॉबर्ट जिनेडर को बोनस देने से ही मना कर दिया गया और उनकी नकद प्राप्तियों में 71 फीसदी की कमी कर दी गई। बाद में उन्हे पद से ही हटा दिया गया।
बीमा कंपनियों के बोर्ड सबप्राइम संकट से हुए 38 अरब डॉलर के नुकसान की भरपाई के लिए इन अधिकारियों की तनख्वाह और बोनस में से औसतन 20 फीसदी की कटौती कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में भारी तबाही मचाने वाले तूफान कैटरीना के दौरान 41.1 अरब डॉलर की भरपाई करने लिए भी कंपनियों ने 2005 में अपने सीईओ की तनख्वाह पर कैंची चलाई थी लेकिन तब भी औसत कटौती इससे कम थी। बीमा कंपनियों पर नजर रखने वाले स्टैमफर्ड के एक एक्जीक्यूटिव कंपनसेशन कंसल्टेंट रिचर्ड फर्निस कहते हैं कि बहुत कम कंपनियां होती हैं जो बुरे समय में भी बोनस देती हैं अगर वह ऐसा करती भी हैं तो काफी हंगामा होता है।
क्या कहता है आईएमएफ
आईएमएफ का अनुमान है कि मॉर्गेज संकट से हुआ नुकसान 130 अरब डॉलर का आंकड़ा छू सकता है। जाहिर है ऐसे में इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारी तनख्वाह बढ़ने की उम्मीद नहीं कर सक ते। सैंडलर ओ नील ऐंड पार्टनर्स एलपी के विश्लेषक पॉल न्यूसम कहते हैे कि बीमा कंपनियां बड़ी मुसीबतों से निपटने की बजाए उनसे भाग रही हैं।