facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

बीमा कंपनियों के अधिकारियों का भी हाल बुरा

Last Updated- December 05, 2022 | 9:15 PM IST

सब प्राइम मॉर्गेज संकट ने सारी दुनिया की नींद उड़ा रखी है। इस कड़ी में अगला शिकार हैं बीमा कंपनियों में ऊंचे ओहदे पर बैठे अधिकारी।


इस संकट के चलते बैंको ने इन अधिकारियों को मिलन वाले बोनस वगैरह पर कैंची चलाना शुरू कर दिया है। अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप इंक ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्टिन सलीवेन के साल 2007 के बोनस में 42 फीसदी की कटौती की है। दुनिया की इस सबसे बड़ी बीमा कंपनी को 89 साल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है।


उधर एंबेक फाइनेंशियल ग्रुप इंक के मुख्य कार्यकारी रॉबर्ट जिनेडर को बोनस देने से ही मना कर दिया गया और उनकी नकद प्राप्तियों में 71 फीसदी की कमी कर दी गई। बाद में उन्हे पद से ही हटा दिया गया।


बीमा कंपनियों के बोर्ड सबप्राइम संकट से हुए 38 अरब डॉलर के नुकसान की भरपाई के लिए इन अधिकारियों की तनख्वाह और बोनस में से औसतन 20 फीसदी की कटौती कर रहे हैं।


दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में भारी तबाही मचाने वाले तूफान कैटरीना के दौरान 41.1 अरब डॉलर की भरपाई करने लिए भी कंपनियों ने 2005 में अपने सीईओ की तनख्वाह पर कैंची चलाई थी लेकिन तब भी औसत कटौती इससे कम थी। बीमा कंपनियों पर नजर रखने वाले स्टैमफर्ड के एक एक्जीक्यूटिव कंपनसेशन कंसल्टेंट रिचर्ड फर्निस कहते हैं कि बहुत कम कंपनियां होती हैं जो बुरे समय में भी बोनस देती हैं अगर वह ऐसा करती भी हैं तो काफी हंगामा होता है।
 
क्या कहता है आईएमएफ


आईएमएफ का अनुमान है कि मॉर्गेज संकट से हुआ नुकसान 130 अरब डॉलर का आंकड़ा छू सकता है। जाहिर है ऐसे में इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारी तनख्वाह बढ़ने की उम्मीद नहीं कर सक ते। सैंडलर ओ नील ऐंड पार्टनर्स एलपी के विश्लेषक पॉल न्यूसम कहते हैे कि बीमा कंपनियां बड़ी मुसीबतों से निपटने की बजाए उनसे भाग रही हैं।

First Published - April 11, 2008 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट