जर्मनी और जापान ने बुधवार को अफगानिस्तान में तालिबान की कार्यवाहक सरकार का स्वागत बेहद उदासीन तरीके से किया जबकि चीन ने अंतरिम सरकार का समर्थन किया। पिछले महीने काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद मंगलवार को अफगानिस्तान में कार्यवाहक सरकार के गठन की घोषणा की गई।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश तालिबान की ओर से घोषित नई अफगान सरकार को आंक रहा है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि नामों की घोषित सूची में विशेष रूप से ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जिन व्यक्तियों की संबद्धता और पूर्व के रिकॉर्ड को लेकर भी चिंता है। चीन ने बुधवार को कहा कि तालिबान द्वारा घोषित नए अंतरिम प्रशासन ने अफगानिस्तान में अराजकता को खत्म किया है और उसने इसे व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी कदम करार दिया। हालांकि उसने अपने उस रुख को दोहराया कि अफगान आतंकवादी समूह को उदार एवं विवेकपूर्ण घरेलू तथा विदेश नीतियों का पालन करना चाहिए।
हालांकि जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने अंतरिम सरकार की घोषणा पर संशयपूर्ण तरीके से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से मानवीय सहायता देने को तैयार है और वह तालिबान के साथ अफगानिस्तान से पूर्व कर्मियों एवं अन्य की सुरक्षित वापसी को लेकर बातचीत जारी रखेगा।
सरकार पर सवाल
अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद, उनके दो उप प्रधानमंत्रियों समेत तालिबान की अंतरिम सरकार के कम से कम 14 सदस्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ गई है। वैश्विक आतंकवादी घोषित सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री बनाया गया है वहीं सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा खलील हक्कानी को शरणार्थी मामलों का कार्यवाहक मंत्री नामित किया गया है। सिराजुद्दीन पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित है।
कार्यवाहक रक्षामंत्री मल्ला याकूब, कार्यवाहक विदेश मंत्री मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी, उपविदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्तेनिकजई भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1988 प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध है। इसे तालिबान प्रतिबंध समिति के नाम से भी जाना जाता है। बीबीसी उर्दू ने खबर दी है कि तालिबान की अंतरिम सरकार के कम से कम 14 सदस्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में हैं।
अफगानिस्तान के 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में चार ऐसे नेता शामिल हैं जो तालिबान फाइव में शामिल थे। उन्हें ग्वांतानामो जेल में रखा गया था। उनमें मुल्ला मोहम्मद फाजिल (उप रक्षामंत्री), खैरुल्लाह खैरख्वा (सूचना एवं संस्कृति मंत्री), मुल्ला नूरुल्लाह नूरी (सीमा एवं जनजातीय विषयक मंत्री) तथा मुल्ला अब्दुल हक वासिक (खुफिया निदेशक) शामिल हैं। इस समूह के पांचवें सदस्य मोहम्मद नबी उमरी को हाल में पूर्वी खोस्त प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया गया। तालिबान फाइव नेताओं को 2014 में ओबामा प्रशासन ने रिहा किया था।
तालिबान ने एक ऐसी समावेशी सरकार का वादा किया था जो अफगानिस्तान की जटिल जातीय संरचना का परिचायक हो लेकिन मंत्रिमंडल में कोई हजारा सदस्य नहीं है। मंगलवार को घोषित किए गए सारे मंत्री पहले से ही स्थापित तालिबान नेता हैं जिन्होंने 2001 से अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के विरूद्ध लड़ाई लड़ी। अंतरिम मंत्रिमंडल में किसी महिला को भी जगह नहीं मिली है।