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टीका प्रमाणन प्रक्रिया पर भारत और ब्रिटेन के बीच वार्ता

Last Updated- December 12, 2022 | 12:48 AM IST

ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने गुुरुवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच टीका प्रमाणन के मुद्दे पर ‘शानदार’ तकनीकी चर्चा हुई। ब्रिटेन के नए यात्रा नियमों का हवाला देते हुए एलिस ने बुधवार को कहा था कि कोविशील्ड टीके से कोई समस्या नहीं है और मुख्य मुद्दा कोविन ऐप के जरिये होने वाला कोविड-19 टीका प्रमाणन है। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘आर. एस. शर्मा, आयुष्मान एनएचए के साथ शानदार तकनीकी चर्चा हुई। किसी भी पक्ष ने एक-दूसरे की प्रमाणन प्रक्रिया को लेकर कोई तकनीकी चिंता जाहिर नहीं की। ब्रिटेन एवं भारत के बीच यात्रा और पूर्ण सुरक्षित जन सेहत को लेकर हमारे संयुक्त उद्देश्य में महत्त्वपूर्ण प्रगति।’ कोविशील्ड को मान्यता देने से ब्रिटेन के इनकार करने पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद लंदन ने बुधवार को अपने नए दिशानिर्देश में संशोधन किया जिसमें इसने एस्ट्राजेनेका के भारत निर्मित संस्करण को अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल किया। ब्रिटेन के अधिकारियों ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि कोविशील्ड की दोनों खुराक लगवा चुके भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन में अब भी दस दिनों के पृथकवास में रहना होगा और कहा कि टीके को शामिल किए जाने से भी बहुत फर्क नहीं पड़ता है। एलिस ने बुधवार को बयान जारी कर कहा था, ‘हम स्पष्ट करते हैं कि कोविशील्ड से कोई समस्या नहीं है। ब्रिटेन में यात्रा कर सकते हैं और भारत से काफी संख्या में लोग ब्रिटेन जा रहे हैं, चाहे वे पर्यटक हों या व्यवसायी या छात्र।’ भारत ने नए यात्रा नियमों को लेकर मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और चेतावनी दी थी कि अगर ब्रिटेन ने इसकी चिंताओं का समाधान नहीं किया तो कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

यात्रा के लिए ‘न्यूनतम मानदंड’ पूरे होने चाहिए
ब्रिटेन सरकार ने सभी देशों से कोविड-19 टीका प्रमाणन के ‘न्यूनतम मानदंड’ पूरे करने को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों को लेकर भारत के साथ ‘चरणबद्ध रवैये’ के साथ काम कर रही है। यह बयान ऑक्सफर्ड/ एस्ट्राजेनेका के, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके को बुधवार को ब्रिटेन के विस्तारित यात्रा परामर्श में स्वीकार किए जाने के बाद आया है। भारत का टीका प्रमाणन 18 स्वीकृत देशों की सूची में शामिल नहीं होने की वजह से ब्रिटेन आने वाले भारतीय यात्रियों के टीकाकरण को स्वीकार नहीं किया जाएगा और इसीलिए उन्हें आगमन के बाद 10 दिनों तक पृथकवास में रहने की अनिवार्यता को पूरा करना होगा। इस प्रक्रिया पर अत्यधिक भ्रम के बाद, ब्रिटेन सरकार के सूत्रों ने बुधवार रात कहा कि स्वीकृत देशों की सूची में जोड़ या परिवर्तनों पर ‘नियमित रूप से विचार’ किया जा रहा है, लेकिन देश के टीका प्रमाणीकरण को मंजूरी देने के लिए आवश्यक मानदंडों पर कोई और स्पष्टता नहीं दी गई।
ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी हाल में विस्तारित अंदरूनी टीकाकरण नीति के हिस्से के रूप में, हम अंतरराष्ट्रीय यात्रा के उद्देश्यों के लिए फाइजर बायोनटेक, ऑक्सफर्ड एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना और जेनसेन (जे ऐंड जे) के टीकों को मान्यता देते हैं। इसमें अब एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्ना टाकेडा भी शामिल किए जा रहे हैं।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने, और सुरक्षित एवं सतत तरीके से यात्रा को फिर से खोलना है, यही वजह है कि सभी देशों से टीका प्रमाणन को सार्वजनिक स्वास्थ्य और व्यापक विचारों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम मानदंडों को पूरा करना चाहिए। हम अपने चरणबद्ध रवैये को लागू करने के लिए भारत सहित अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करना जारी रख रहे हैं।’ जिन यात्रियों को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया है, या भारत जैसे देश में टीका लगाया गया है, जो वर्तमान में ब्रिटेन सरकार की मान्यता प्राप्त सूची में नहीं है, उन्हें प्रस्थान से पहले जांच करानी होगी, ब्रिटेन में आगमन के बाद दूसरे और आठवें दिन की पीसीआर जांचों के लिए भुगतान करना होगा और स्वयं को एकांतवास में रखना होगा। उन्हें पांच दिन बाद पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट देने के बाद इससे छूट मिलने का विकल्प होगा।     

First Published - September 23, 2021 | 11:30 PM IST

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