वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से इतर विश्व बैंक (World Bank) के अध्यक्ष अजय बंगा और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के प्रेसिडेंट मासासुगु असकावा से मुलाकात की और बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) द्वारा पूंजी पर्याप्तता फ्रेमवर्क (capital adequacy framework ) के उपायों को तेजी से लागू करने का आह्वान किया।
बंगा और सीतारमण ने G20 इंडिया प्रेसीडेंसी के परिणामों, वर्ल्ड बैंक ग्रुप के विकास और नॉलेज के आदान-प्रदान और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए फाइनैंशियल सहायता के माध्यम से भारत के साथ उनके जुड़ाव सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सीतारमण ने कहा कि वह बहुपक्षीय विकास बैंकों (Multilateral Development Banks- MDB) को मजबूत करने पर इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट्स ग्रुप के वॉल्यूम -1 में शामिल ट्रिपल एजेंडे पर सिफारिशों को आगे बढ़ाने में बंगा के नेतृत्व की आशा करती हैं।
सीतारमण और बंगा ने कहा कि वे रिपोर्ट के वॉल्यूम 2 का इंतजार कर रहे हैं जो अक्टूबर में मोरक्को में चौथे वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नर्स (FMCBG) की बैठक के दौरान सब्मिट किया जाएगा।बैठक के दौरान, बंगा ने सामाजिक प्रभाव को अधिकतम करने के लिए कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) मांग पक्ष से एक मार्केट स्ट्रक्चर बनाने के लिए वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
वर्ल्ड बैंक की टीम ने सीतारमण को म्युनिसिपल फाइनैंसिंग, लॉजिस्टिक्स, स्किल, नॉलेज पार्टनरशिप,कृषि क्षेत्र में सोलर एनर्जी सहित अन्य क्षेत्रों में विकास और प्रगति के बारे में जानकारी दी।
ADB प्रेसिडेंट असाकावा के साथ अपनी बैठक में, सीतारमण ने इंटरनैशनल फाइनैंशियल ऑर्किटेक्चर वर्किंग ग्रुप के G20 रोडमैप की तैयारी में MDB की भूमिका की सराहना की और पूंजी पर्याप्तता ढाँचे के उपाय (Capital Adequacy Framework measures) के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए MDB इकोसिस्टम के साथ-साथ संबंधित हितधारकों द्वारा अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया।
असाकावा ने दोहराया कि ADB का लक्ष्य एशिया और प्रशांत के लिए जलवायु बैंक (climate bank ) बनना है और कहा कि इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए भारत को रियायती वित्त (concessional finance ) प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए ADB द्वारा एक ग्रीन फाइनैंसिंग सुविधा विकसित की जा रही है।उन्होंने ADB के सबसे गरीब और सबसे कमजोर विकासशील सदस्य देशों की मदद के लिए ADB के Asian Development Fund में भारत के बढ़ते योगदान को भी मान्यता दी।