सीमा शुल्क आंकड़ों की गोपनीयता को लेकर राजस्व विभाग के साथ जारी मतभेदों के बीच पिछले दो सप्ताह से वाणिज्य विभाग जरूरी विदेश व्यापार आंकड़ा तैयार नहीं कर सका है। जानकार लोगों ने बताया कि इस कारण विभाग संकट में भी है। व्यापार आंकड़ों का संकलन कर प्रकाशित करने वाला वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) महत्वपूर्ण दैनिक और साप्ताहिक व्यापार आंकड़े को संसाधित और मान्य करने के लिए सक्षम नहीं है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड को एक सूत्र ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि सीमा शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल- इंडियन कस्टम्स इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (आइसगेट)- सात अक्टूबर से दैनिक व्यापार रिटर्न में शिपिंग बिल नंबर और तारीख, इंट्री बिल और इंट्री नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी साझा नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘इन डेटा फील्ड के आच्छादन के कारण दैनिक और साप्ताहिक अलर्ट पहले से ही देर हैं।’
शिपिंग बिल या इंट्री बिल के भीतर चालान और कई वस्तुओं से संबंधित आंकड़े को जोड़ने में विवरण महत्वपूर्ण है। दैनिक व्यापार रिटर्न दिन-प्रतिदिन का आंकड़ा है जो डीजीसीआईएस को सीमा शुल्क से प्राप्त होता है। बिल ऑफ इंट्री की संख्या और तारीख के साथ-साथ शिपिंग बिल के बिना, डीजीसीआईएस, जो वाणिज्य विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है, कुल डेटा को अंतिम रूप देने और विदेशी व्यापार के आंकड़ों को प्रकाशित करने में सक्षम नहीं होगा।
निर्यात और आयात की निगरानी के लिए वाणिज्य विभाग, प्रधानमंत्री कार्यालय और अंतर-मंत्रालय समिति सहित विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों द्वारा दैनिक और साप्ताहिक आंकड़ों के संकलन का नियमित रूप से विश्लेषण किया जाता है।