अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा कि रूस को ऐसा युद्ध छेड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो दंड से मुक्त हो। क्वाड (Quad) समूह ने बैठक के बाद जारी एक बयान में यह भी कहा कि यू्क्रेन में परमाणु हथियारों के उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है।
पिछले महीने के आखिर में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने परमाणु हथियार नियंत्रण संधि को रद्द कर दिया था और परमाणु परीक्षण जारी रखने की धमकी दी थी।
ब्लिंकन ने भारत में एक मंच पर कहा, ‘अगर हम रूस को दंड से मुक्ति के साथ वह करने की अनुमति देते हैं, जो वह यूक्रेन में कर रहा है तो हर जगह के आक्रांता को यह संदेश जाएगा कि वे भी ऐसा करने में सक्षम हैं।’ इस मंच पर क्वाड के मंत्री भी मौजूद थे।
शुक्रवार को यूरोपियन यूनिन विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने वैश्विक समुदाय से साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया।
आतंकवाद से मुकाबले के लिए कार्यकारी समूह बना क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए इस 4 सदस्यीय समूह की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यह ‘कानून के शासन, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पुरजोर समर्थन करता है।’
क्वाड 4 देशों-भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का समूह है। चारों देश लोकतांत्रिक हैं और निर्बाध समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा के साझा हित का समर्थन करते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग की मुलाकात के बाद यह घोषणा की गई कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक क्वाड कार्यकारी समूह गठित किया जाएगा।
इसका उद्देश्य आतंकवाद के नए व उभरते स्वरूपों, कट्टरपंथ और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए उपाय तलाशना है। मंत्रियों ने जी-7 की जापान की अध्यक्षता, जी-20 की भारत की अध्यक्षता और 2023 में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) की अमेरिकी मेजबानी के दौरान क्वाड के उद्देश्यों पर करीब से काम करने की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के बाद चारों मंत्रियों ने ‘रायसीना डायलॉग’ के एक सत्र में हिस्सा लिया और क्वाड सदस्य देशों के हितों के समन्वय के बारे में बातचीत की।
ब्लिंकन ने कहा, ‘हमारे लिए हिंद-प्रशांत से भविष्य काफी हद तक जुड़ा हुआ है। पूरे क्षेत्र में, क्वाड और अन्य माध्यमों से हमारी भागीदारी पहले की तरह ही व्यापक और गहरी है।’
ब्लिंकन और वॉन्ग जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत में हैं, जबकि हयाशी क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आए हैं।
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘हमारी आज की बैठक एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए क्वाड की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जो समावेशी है।’
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के सभी स्वरूपों की एक स्वर में निंदा की। उन्होंने आतंकी हमलों को अंजाम देने या उनकी साजिश रचने में इस्तेमाल किये जा सकने वाले आतंकी संगठनों को वित्तीय या सैन्य सहयोग की भी निंदा की। इनमें एक देश की सीमा पार कर दूसरे देश में किए जाने वाले आतंकी हमले भी शामिल हैं। उन्होंने 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले सहित अन्य आतंकवादी हमलों और पठानकोट हमले की निंदा भी की। मुंबई हमले में क्वाड देशों के नागरिक भी मारे गये थे।
बयान में कहा गया है, ‘हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, समुद्री तथा वायु परिवहन की आजादी और धमकी या बल प्रयोग का सहारा लेने के बजाय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सिद्धांतों का दृढ़ता से समर्थन करते हैं।’
इसमें कहा गया है, ‘हम यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं। ये सभी चीजें हिंद-प्रशांत सहित अन्य क्षेत्रों में शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।’
बयान में चारों सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड क्षेत्रीय और वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत के रूप में काम कर रहा है और यह अपने सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडे के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होगा।
उन्होंने बयान में कहा, ‘हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए क्वाड कार्यकारी समूह के गठन की घोषणा कर खुश हैं। यह आतंकवाद के नये व उभरते स्वरूपों, कट्टरपंथ से लेकर हिंसा और हिंसक चरमपंथ तक का मुकाबला करने के लिए क्वाड के बीच और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ सहयोग की संभावना तलाशेगा।’
उन्होंने कहा, ‘हम इस वैश्विक मुद्दे पर अपनी चर्चा जारी रखने के लिए 2023 में अमेरिका में अपनी प्रथम बैठक को लेकर उत्सुक हैं।’
क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के कुछ महीनों बाद ऑस्ट्रेलिया में समूह का शिखर सम्मेलन होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं।
बयान में कहा गया है कि क्वाड के जरिये सदस्य देश स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा अपनाने, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे और संपर्क जैसी समकालीन चुनौतियों पर व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से क्षेत्र का समर्थन करना चाहते हैं।
बयान में स्थायी, पारदर्शी और निष्पक्ष कर्ज एवं वित्तपोषण प्रक्रियाओं के माध्यम से ऋण संकट को दूर करने के बारे में भी बात की गई है।
इसमें कहा गया है, ‘हम इस बात से सहमत हैं कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों में निहित है।’
बयान में कहा गया है, ‘हम अपने भागीदारों के परामर्श से और बहुपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयासों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में चीनी दखल का सीधे तौर पर संदर्भ दिए बगैर क्वाड विदेश मंत्रियों ने समुद्री मार्ग में नौवहन की स्वतंत्रता के महत्त्व का उल्लेख किया।
चीन ने की क्वाड बैठक की आलोचना
चीन ने शुक्रवार को एक बार फिर क्वाड समूह की बैठक की आलोचना की और कहा कि देशों के बीच बातचीत का मकसद शांति और विकास को आगे बढ़ाना होना चाहिए।
क्वाड पर निशाना साधते हुए चीन ने कहा कि देशों को विशिष्टता पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आपसी विश्वास और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘हम सोचते हैं कि देशों को क्षेत्रीय स्तर पर आपसी विश्वास, शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए।’