facebookmetapixel
छोटी कारों की CAFE छूट पर उलझी इंडस्ट्री; 15 कंपनियों ने कहा ‘ना’, 2 ने कहा ‘हां’Tenneco Clean Air IPO: तगड़े GMP वाले आईपीओ का अलॉटमेंट आज हो सकता है फाइनल, फटाफट चेक करें ऑनलाइन स्टेटसचीनी लोग अब विदेशी लग्जरी क्यों छोड़ रहे हैं? वजह जानकर भारत भी चौंक जाएगाक्रिमिनल केस से लेकर करोड़पतियों तक: बिहार के नए विधानसभा आंकड़ेPEG रेशियो ने खोला राज – SMID शेयर क्यों हैं निवेशकों की नई पसंद?Stock Market Update: हरे निशान में खुला बाजार, सेंसेक्स 100 अंक चढ़ा; निफ्टी 25900 के ऊपरBihar CM Oath Ceremony: NDA की शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को, पीएम मोदी समेत कई नेता होंगे मौजूदStocks To Watch Today: Websol, TruAlt Bioenergy, IRB Infra सहित कई कंपनियां रहेंगी लाइमलाइट मेंबिहार चुनाव पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर का बड़ा आरोप: राजग के तीन ‘प्रयोगों’ ने पूरी तस्वीर पलट दीदोहा में जयशंकर की कतर नेतृत्व से अहम बातचीत, ऊर्जा-व्यापार सहयोग पर बड़ा फोकस

पाकिस्तान में लगभग एक करोड़ लोगों के गरीबी रेखा के नीचे जाने का जोखिम: World Bank

World Bank ने पाकिस्तान के वृद्धि परिदृश्य पर अपनी छमाही रिपोर्ट में संकेत दिया कि देश लगभग सभी प्रमुख वृहद आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है।

Last Updated- April 03, 2024 | 4:29 PM IST
pakistan
Representative Image

विश्व बैंक (World Bank) ने कहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। उसने आगाह किया है कि नकदी संकट से जूझ रहे देश में एक करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जा सकते हैं। विश्व बैंक की यह आशंका 1.8 प्रतिशत की सुस्त आर्थिक वृद्धि दर के साथ बढ़ती मुद्रास्फीति पर आधारित है जो चालू वित्त वर्ष में 26 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।

विश्व बैंक ने पाकिस्तान के वृद्धि परिदृश्य पर अपनी छमाही रिपोर्ट में संकेत दिया कि देश लगभग सभी प्रमुख वृहद आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने प्राथमिक बजट लक्ष्य से पीछे रह सकता है। वह लगातार तीन साल तक घाटे में रह सकता है। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शर्तों के उलट है। मुद्रा कोष ने अनिवार्य रूप से अधिशेष की स्थिति की शर्त रखी हुई है।

रिपोर्ट के मुख्य लेखक सैयद मुर्तजा मुजफ्फरी ने कहा कि हालांकि पुनरुद्धार व्यापक है लेकिन यह अभी शुरुआती अवस्था में है। गरीबी उन्मूलन के जो प्रयास हो रहे हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि मामूली 1.8 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। वहीं लगभग 9.8 करोड़ पाकिस्तानी के पहले से ही गरीबी रेखा के नीचे हैं। इसके साथ गरीबी की दर लगभग 40 प्रतिशत पर बनी हुई है। रिपोर्ट में गरीबी रेखा के ठीक ऊपर रह रहे लोगों के नीचे आने के जोखिम को बताया गया है।

इसके तहत एक करोड़ लोगों के गरीबी रेखा के नीचे आने का जोखिम है। विश्व बैंक ने कहा कि गरीबों और हाशिये पर खड़े लोगों को कृषि उत्पादन में अप्रत्याशित लाभ से फायदा होने की संभावना है। लेकिन यह लाभ लगातार ऊंची महंगाई तथा निर्माण, व्यापार तथा परिवहन जैसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में सीमित वेतन वृद्धि से बेअसर होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी केवल पांच प्रतिशत बढ़ी जबकि मुद्रास्फीति 30 प्रतिशत से ऊपर थी।

विश्व बैंक ने आगाह किया कि बढ़ती परिवहन लागत के साथ-साथ जीवन-यापन खर्च बढ़ने कारण स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। साथ ही इससे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे परिवारों के लिए बीमारी की स्थिति में इलाज में देरी हो सकती है।

First Published - April 3, 2024 | 4:29 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट