प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं। सितंबर 2019 में व्यापक दायरे वाली यात्रा के विपरीत इस बार उनका दौरा बहुत ही साधारण और लो-प्रोफाइल होगा। प्रधानमंत्री के सिंगापुर से लौटने के बाद अमेरिकी दौरे के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मोदी इस बार अपनी यात्रा कार्यक्रम में संभवत: न्यूयॉर्क से बाहर नहीं जाएंगे। इससे पहले की अमेरिकी यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री न केवल न्यूयॉर्क और वाशिंगटन गए, बल्कि शिकागो, ह्यूस्टन और सेनफ्रांसिसको एवं सेन जोस आदि शहरों में भी गए थे।
न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होंगे और अन्य राष्ट्र प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे। वह 22 सितंबर को न्यूयॉर्क के नासाउ वेटरंस मेमोरियल कॉलेजियम में भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात करेंगे। इस कॉलेजियम में 15,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस कार्यक्रम के आयोजक ने कहा कि भारतीय प्रवासी समुदाय में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने को लेकर जबरदस्त क्रेज है। यहां प्रस्तावित ‘मोदी ऐंड यूएस प्रोग्रेस टूगेदर’ कार्यक्रम के लिए अब तक 24,000 लोग पंजीकरण करा चुके हैं। यह कार्यक्रम पिछली बार के बहु प्रचारित और बहु प्रसारित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की तुलना में बहुत छोटा होगा। ह्यूस्टन में आयोजित उस कार्यक्रम में लगभग 50,000 भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने हिस्सा लिया था।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी के बीच भारतीय प्रवासी समुदाय के कार्यक्रम में हिस्सा लेने या प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने के लिए किसी अमेरिकी राजनेता को आमंत्रित नहीं किया गया है। आयोजक इस कार्यक्रम को शानदार और यादगार बनाने के लिए कई प्रसिद्ध कलाकारों को बुलाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2019 की अमेरिका यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा तो लिया ही था, इसके अलावा वह शिकागो और ह्यूस्टन भी गए थे, जहां उन्होंने हाउडी मोदी कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकियों के समूह को संबोधित किया था। इस कार्यक्रम में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप भी शामिल हुए थे।
हाउडी मोदी कार्यक्रम के दौरान ट्रंप की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पार्टी के नारे ‘अब की बार मोदी सरकार’ की तर्ज पर ‘अब की बार, ट्रंप सरकार’ का नारा दिया था। मोदी की 2019 की यात्रा भी ऐसे समय हुई थी, जब वहां राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार जोर-शोर से चल रहा था और कुछ समय बाद वहां शीर्ष पद के लिए मतदान होना था।
मोदी 2019 में प्रधानमंत्री बनने के साढ़े तीन महीने बाद अमेरिका की यात्रा पर गए थे और वह वहां 20 से 27 सितंबर यानी पूरे एक सप्ताह तक रुके थे। यह उनका 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से 2023 तक आठ अमेरिकी यात्राओं में सबसे लंबा दौरा था।
मोदी का इस बार का अमेरिकी दौरा लो-प्रोफाइल रहेगा। सूत्रों का कहना है कि इसका प्रमुख कारण अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है और मोदी इस बार वाशिंगटन भी नहीं जा रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर होने वाले क्वैड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पर संशय बना हुआ है। जापान के प्रधानमंत्री के तौर किशिदा का यह अंतिम अमेरिकी दौरा होगा, क्योंकि उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। क्वैड में भारत और जापान के अलावा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी उसी वर्ष सितंबर में अमेरिका की यात्रा पर गए थे। उस समय भी उन्होंने न्यूयॉर्क के मैडिसन स्वायर गार्डेन में भारतीय अमेरिकी समुदाय को संबोधित किया था। इसके बाद वह 2015 में दोबारा अमेरिका गए। वह वर्ष 2016 में दो बार अमेरिका की यात्रा पर गए। इसके बाद 2017, 2019, 2021 और 2023 में भी उन्होंने अमेरिका का दौरा किया। वर्ष 2023 में उन्होंने वहां अमेरिकी कांग्रेस को भी संबोधित किया था। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का भी नेतृत्व किया था।