प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा में लगातार कई बैठकें कीं। सरकारी सूत्रों ने रविवार को बताया कि मोदी करीब 65 घंटे अमेरिका में रहे और इस दौरान वह 20 बैठकों में शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका जाते वक्त और वहां से लौटते वक्त भी प्रधानमंत्री ने विमान में अधिकारियों के साथ चार लंबी बैठकें कीं।
इनकी जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि बुधवार को अमेरिका जाते वक्त मोदी ने विमान में दो बैठकें की और वहां पहुंचने के बाद होटल में तीन बैठकें कीं।
उन्होंने बताया कि 23 सितंबर को प्रधानमंत्री ने विभिन्न सीईओ के साथ पांच बैठकें कीं और फिर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की। उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। प्रधानमंत्री ने तीन आंतरिक बैठकों की भी अध्यक्षता की।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अगले दिन अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक की और फिर क्वाड के शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। 24 सितंबर को उन्होंने चार आंतरिक बैठकें भी कीं। उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को अमेरिका से भारत के लिए रवाना होने पर, प्रधानमंत्री ने विमान में दो बैठकें कीं।
स्वदेश वापसी
मोदी अपनी चार दिवसीय अमेरिका यात्रा के बाद रविवार को स्वदेश लौट आए। राजधानी दिल्ली के पालम हवाई अड्डे के बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। नड्डा ने इस अवसर पर आयोजित अभिनंदन समारोह संबोधित करते हुए कहा कि अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने सारी दुनिया में भारत का डंका बजाया और देश को गौरवान्वित किया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकासवाद के साथ आतंकवाद, विस्तारवाद और जलवायु परिवर्तन पर बेबाकी से बात की और साथ ही साझा तरीके से विभिन्न वैश्विक समस्याओं का कैसे समाधान किया जा सकता है, उसकी भी चर्चा की। उन्होंने कहा, आपने (मोदी) भारत का सम्मान बढ़ाया है। तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 76वें सत्र को संबोधित किया और उससे पहले प्रत्यक्ष क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके अलावा, मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ भी कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। स्वदेश रवाना होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अमेरिका में पिछले कुछ दिनों में द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जो काफी सफल रहे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे। हमारे लोगों के बीच समृद्ध संबंध हमारी मजबूत धरोहर में शुमार हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने पांच कंपनियों के शीर्ष अमेरिकी सीईओ से भी मुलाकात की और उन्हें देश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का आगाज
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) की शुरुआत करेंगे। यह जानकारी रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दी। प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी। वर्तमान में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है। एनडीएचएम की देश भर में शुरुआत आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ के साथ ही की जा रही है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी उपस्थित रहेंगे। एनडीएचएम स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत शृंंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा।
टीकाकरण अभियान में कोई न छूटे: प्रधानमंत्री
पर्व और त्योहारों के मौसम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से कोविड-19 से बचाव के सभी उपायों का पालन करने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि टीकाकरण अभियान में कोई भी पीछे न छूटे। उन्होंने कहा, ‘टीम इंडिया इस लड़ाई में रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। टीकाकरण में देश ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और इस लड़ाई में हर भारतवासी की अहम भूमिका है।’ उन्होंने लोगों से कहा कि आस-पास के जिन लोगों ने टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें भी टीकाकरण केंद्र तक ले जाकर टीका लगवाना सुनिश्चित करना है।
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले अगस्त महीने में यूपीआई से 355 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। आज औसतन छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का डिजिटल भुगतान यूपीआई से हो रहा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता और पारदर्शिता आ रही है।’
प्रधानमंत्री ने नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने, स्वच्छता अभियान को निरंतर जारी रखने और खादी तथा स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह घर-घर शौचालय निर्माण की केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ने गरीबों की गरिमा बढ़ाई, वैसे ही आर्थिक स्वच्छता गरीबों के अधिकार सुनिश्चित करती है, उनका जीवन आसान बनाती है। मोदी ने कहा कि जन-धन खातों के अभियान की वजह से आज गरीबों के हक का पैसा सीधा उनके खाते में जा रहा है, जिसके कारण भ्रष्टाचार जैसी रुकावटों में बहुत अधिक कमी आई है। डिजिटल लेनदेन के बढ़ते प्रचलन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक स्वच्छता में प्रौद्योगिकी बहुत मदद कर सकती है।