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चीन में नियम स्पष्ट नहीं होने, अमेरिका के साथ तनाव कारोबार में बाधा : सर्वे

शंघाई में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, निवेश के लिए विदेशी गंतव्य के तौर पर चीन की साख में निरंतर गिरावट आ रही है।

Last Updated- November 30, 2023 | 6:59 PM IST
India's own strategy in view of the possibility of US-China trade war अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत की अपनी रणनीति

चीन में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियां प्रौद्योगिकी, व्यापार तथा अन्य मुद्दों पर अमेरिका के साथ तनाव को अपने कारोबार के लिए एक बड़ी बाधा के रूप में देखती हैं। मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

शंघाई में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, निवेश के लिए विदेशी गंतव्य के तौर पर चीन की साख में निरंतर गिरावट आ रही है। हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल 325 कंपनियों में से दो-तिहाई ने कहा कि उनकी चीन को लेकर रणनीति को बदलने की तत्काल कोई योजना नहीं है। सर्वेक्षण में शामिल पांच में से एक से अधिक कंपनियों ने कहा कि वे इस साल चीन में अपना निवेश कम कर रही हैं, जिसकी मुख्य वजह अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में अनिश्चितता और चीन की वृद्धि धीमी रहने का अनुमान है।

पिछले साल की तुलना में धारणा और अधिक खराब हुई

कुल मिलाकर सर्वेक्षण से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में धारणा और अधिक खराब हुई है। उस समय कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर चीन की सख्त नीतियों का असर इन कंपनियों पर पड़ा था। सर्वेक्षण में सामने आया कि इस तरह के व्यवधान प्रमुख वजह थे, जिनका हवाला कंपनियों ने चीन के बाहर अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए दिया। सर्वेक्षण में शामिल 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे चीन में अपने पांच साल के कारोबारी दृष्टिकोण को लेकर आशान्वित हैं।

शंघाई में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 1999 में वार्षिक सर्वेक्षण शुरू करने के बाद से यह आंकड़ा अब तक का सबसे निचला स्तर है। करीब 10 में से नौ कंपनियों ने बढ़ती लागत को भी एक बड़ी चुनौती बताया। कंपनियों ने भू-राजनीतिक तनाव को एक बड़ी चिंता बताया। उनका कहना था कि इसके बाद आई आर्थिक सुस्ती ने वैश्विक महामारी के बाद एक तेज उछाल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

अमेरिकी कंपनियां नियमों को स्पष्ट करने का आग्रह कर रही

अमेरिकी कंपनियां चीन के अधिकारियों से विभिन्न नियमों को स्पष्ट करने का आग्रह भी कर रही हैं। उनका कहना है कि नियमों में बदलाव के कारण ‘ग्रे एरिया’ कंपनियों में इस बात को लेकर अनिश्चितता उत्पन्न हो जाती है कि किस चीज की अनुमति है और क्या गैरकानूनी हो सकता है। सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बीजिंग ने हाल ही में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कदम उठाए हैं और चीन विदेशी कंपनियों का स्वागत करता है।

प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘‘मैं आपको यही बता सकता हूं कि चीन की अर्थव्यवस्था जुझारू तथा गतिशील है। दीर्घकालिक विकास के बुनियादी सिद्धांत नहीं बदले हैं। बड़े आकार के बाजार और संपूर्ण औद्योगिक प्रणाली से होने वाले लाभ भी वैसे ही बने हुए हैं।’’ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 की पहली छमाही में चीन में विदेशी निवेश में सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।

वहीं चीन में ब्रिटिश चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 70 प्रतिशत विदेशी कंपनियां नया निवेश करने से पहले ‘‘अधिक स्पष्टता’’ चाहती हैं। चीन में यूरोपीय संघ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि उसके सदस्य निवेश को दक्षिण-पूर्व एशिया और अन्य स्थानों में स्थानांतरित कर रहे हैं।

First Published - September 19, 2023 | 8:35 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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