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भारत सरकार ने लिया कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन को पद से हटाने का फैसला: IMF

सुब्रमण्‍यन ने नवंबर 2022 में IMF में कार्यभार संभाला था और भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- May 06, 2025 | 9:41 AM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी निदेशक (ED) के पद से कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन (Krishnamurthy Subramanian) को समय से पहले हटाने का फैसला भारत सरकार द्वारा लिया गया था। IMF के प्रवक्ता ने सोमवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।

IMF के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए भेजे गए सवालों के जवाब में कहा, “कार्यकारी बोर्ड के किसी भी सदस्य की नियुक्ति और पद से हटाना सदस्य देशों का अधिकार होता है। कार्यकारी निदेशक सुब्रमण्‍यन को हटाने का फैसला भारत सरकार का है।” प्रवक्ता ने आगे कहा, “हम उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं और उनके उत्तराधिकारी के साथ काम करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”

वहीं, इस मामले पर वित्त मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।

समय से पहले सरकार ने पद से हटाया

कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने 30 अप्रैल को जारी एक आदेश में, कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन का IMF में तीन साल का कार्यकाल तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का फैसला किया। उनका कार्यकाल इस साल अक्टूबर में समाप्त होना था।

सुब्रमण्‍यन ने नवंबर 2022 में IMF में कार्यभार संभाला था और भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। IMF की वेबसाइट पर उन्हें 2 मई तक कार्यकारी निदेशक के रूप में लिस्ट किया गया था।

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आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव सुभाष गर्ग ने कहा, “यह पहली बार है जब IMF में भारत के कार्यकारी निदेशक (ED) का कार्यकाल समय से पहले समाप्त किया गया है। आमतौर पर सरकारें किसी व्यक्ति को वापस बुला लेती हैं, उन्हें किसी अन्य पद पर नियुक्त कर देती हैं या जल्दी उत्तराधिकारी की घोषणा कर देती हैं, जिससे संकेत मिल जाता है कि संबंधित व्यक्ति खुद ही इस्तीफा दे दें।”

किताब के प्रचार और डेटा आलोचना से जुड़ा विवाद!

सूत्रों ने कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यन के कार्यकाल समाप्त किए जाने को उनकी हाल ही में प्रकाशित किताब India@100 के प्रचार-प्रसार में कथित अनियमितताओं और IMF के डेटा सेट्स पर उठाए गए सवालों से जोड़ा है, जिसे बहुपक्षीय एजेंसी ने अच्छा नहीं माना था।

सुब्रमण्‍यन 2018 से 2021 के बीच भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) रह चुके हैं। उनके पास यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री है।

First Published : May 6, 2025 | 9:41 AM IST