कनाडा में सोमवार को संसदीय चुनाव के परिणाम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत मिली है, हालांकि अधिकतर सीटों पर बड़ी जीत की उनकी मंशा पूरी नहीं हो पाई है। ट्रूडो को उम्मीद थी कि कोरोनावायरस महामारी से मुकाबले के लिए उनकी सरकार के प्रयासों को जनता बड़े स्तर पर समर्थन देगी लेकिन जनता ने अन्य मुद्दों पर अधिक महत्त्व दिया।
लिबरल पार्टी ने किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं। ट्रूडो ने 2015 के चुनाव में अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का सहारा लिया और चुनाव में जीत हासिल की थी। फिर पार्टी का नेतृत्व करते हुए पिछले दो बार के चुनाव में उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलाई। लिबरल पार्टी 2019 में जीती गई सीटों से एक कम यानी 156 सीटों पर जीत के कगार पर है। हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत के लिए 170 सीटों पर जीत आवश्यक है। कंजरवेटिव पार्टी ने 121 सीटें जीती हैं, 2019 में भी वह इतनी ही सीटें जीत थी, ब्लॉक क्यूबेकोइस 32 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 27 सीटों पर आगे है।
ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो (49) पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे लेकिन वह एक स्थिर अल्पमत की सरकार बनाने की स्थिति में हैं और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित नहीं करा पाएंगे। लेकिन वह इतनी सीटें जरूर जीत जाएंगे उन्हें पद से हटाने का खतरा नहीं रहेगा। विपक्ष ट्रूडो पर अपने फायदे के लिए समय से दो साल पहले आम चुनाव कराने का आरोप लगाता रहा है।
