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पैंगोंग से पीछे हटने पर चीन राजी: राजनाथ

Last Updated- December 12, 2022 | 8:26 AM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लद्दाख में पैंगोंग झील से भारत और चीन की सेनाओं के बीच पीछे हटने की सहमति बन गई है। इससे पहले बुधवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने नौ महीने तक चली तनातनी के बाद आपसी समन्वय से सुनियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है।
ङ्क्षसह ने आज राज्यसभा में कहा, ‘चीन के साथ लगातार चली बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से हटने पर सहमति बन गई है। इसके बाद अब भारत और चीन चरणबद्ध तरीके से अग्रिम मोर्चों से अपनी सेनाएं हटा लेंगे।’
सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के तहत पीएलए झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 8 से पूर्व में रहेगी जबकि भारतीय सेना फिंगर 3 के पश्चिम में अपने पड़ाव धन सिंह थापा पोस्ट रहेगी।
फिंगर 3 और फिंगर 8 के बीच 10 किलोमीटर क्षेत्र को बफर जोन (सुरक्षित क्षेत्र) के तौर पर जाना जाता है। भारतीय सेना चीन के साथ युद्ध के बाद 1962 से इस क्षेत्र में निगरानी रखती आई है, लेकिन अब ऐसा नहीं कर पाएगी। संभवत: यही वजह रही है कि राजनाथ सिंह ने अपने बयान में अप्रैल पूर्व स्थिति बहाल होने की बात कहने से परहेज किया है। भारत शुरू से ही लद्दाख सीमा पर अप्रैल से पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग करता आया है। सिंह ने दावा किया कि दोनों पक्षों की सेनाएं पीछे हटने से तनातनी शुरू होने पूर्व जैसी स्थिति बहाल हो जाएगी।
पैंगोंग झील के  दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना हेलमेट और ब्लैक टॉप से पीछे हट जाएगी और भारतीय सेना भी पॉइंट 5167, बंप और मगार हिल से नीचे आ जाएगी। भारत ने पिछले वर्ष अगस्त के शुरू में इन चोटियों पर कब्जा जमा लिया था।
चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ जारी बयान में कहा गया कि चीन और भारत के सैन्य कमांडरों के बीच 9वें चरण की वार्ता के बाद बनी सहमति के अनुसार यह प्रगति हुई है। सेना के सूत्रों ने कहा कि 10वें चरण की वार्ता जल्द ही आयोजित होने की संभावना है। समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं मध्य लद्दाख के पैंगोंग झील सेक्टर से ही पीछे हटेंगी लेकिन उत्तरी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) के नजदीक डेपसांग में सेनाओं के पीछे हटने का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इस क्षेत्र में पीएलए वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में 15 से 18 किलोमीटर तक घुस आई है। पिछले वर्ष अप्रैल से पीएलए भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैट्रोलिंग पॉइंट 10,11,12ए और 13 तक आने नहीं दे रही है। भारतीय सेना के लिए डेपसांग क्षेत्र अहम है क्योंकि इस पर चीनी सेना का नियंत्रण होने से वह डीबीओ पर कब्जा जमा सकती है। इससे भारतीय सेना का काराकोरम दर्रे तक संपर्क टूट जाएगा।

First Published - February 11, 2021 | 11:39 PM IST

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