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Biofuels Projects: भारत और सेशेल्स साथ मिलकर लगाएंगे जैव ईंधन की संयुक्त परियोजनाएं

Seychelles अपने देश में तेल की खोज के लिए विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में खासा इच्छुक है। इस सिलसिले में यह देश भारत से पहले ही बातचीत कर चुका है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- February 09, 2024 | 11:24 PM IST

भारत और सेशेल्स आने वाले वर्षों के दौरान इस द्वीपीय देश में संयुक्त परियोजनाएं शुरू करेंगे। यह जानकारी सेशेल्स के ऊर्जा, पर्यावरण और कृषि मंत्री फ्लेवियन पी. जौबर्ट ने इंडिया एनर्जी वीक 2024 के कार्यक्रम के इतर बिज़नेस स्टैंडर्ड को दी। उन्होंने बताया कि भारत के नेतृत्व में वैश्विक जैव ईंधन गठजोड़ में सेशेल्स बीते वर्ष शामिल हुआ था। लेकिन अभी तक सेशेल्स ने वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल शुरू नहीं किया है।

जौबर्ट ने बताया, ‘हमें आकलन करना होगा और यह सुनिश्चित भी करना होगा कि ये परियोजनाएं आर्थिक रूप से सकारात्मक ढंग से सामने आएं। हमें यह फैसला लेना होगा कि हम जैव ईंधन का आयात करें या राष्ट्रीय स्तर पर अपशिष्ट उत्पादों से जैव ईंधन तैयार करें।’

सेशेल्स कंप्रेस्ड जैव गैस तकनीक को लेकर खासा उत्सुक है। इसका कारण यह है कि इससे अपशिष्ट की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी। सेशेल्स के अपशिष्ट में 40 प्रतिशत हरित अपशिष्ट है और इस तकनीक की बदौलत हरित अपशिष्ट का उपयोग किया जा सकता है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने बीते वर्ष जानकारी दी थी कि अफ्रीका के देश भारत के एथनॉल मिश्रण और बॉयोगैस की पहल को दोहराने के इच्छुक हैं। लिहाजा इच्छुक देशों केन्या, तंजानिया और युगांडा के प्रतिनिधियों की भारत दौरा करने की योजना थी लेकिन उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई।

तेल की खोज

सेशेल्स अपने देश में तेल की खोज के लिए विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में खासा इच्छुक है। इस सिलसिले में यह देश भारत से पहले ही बातचीत कर चुका है। मंत्री ने बताया कि भारत की तेल कंपनियां सेशेल्स की सरकारी कंपनी पेट्रो सेशेल्स के संपर्क में है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह सबसे बड़ा सवाल है कि कौन हमारे ऊर्जा संक्रमण के लिए धन मुहैया करवाएगा। हमारे पास ज्यादा संसाधन नहीं हैं लेकिन हमारे लिए तेल के संयंत्र देश के लिए ऊर्जा का स्रोत हो सकते हैं।’

सेशेल्स में बीते साल तेल की खोज शुरू हुई थी और इस सिलसिले में अभी भी काम जारी है। मंत्री ने कहा, ‘हाल में कोई अभियान शुरू नहीं किया गया है लेकिन हमें उम्मीद है कि कंपनियां देश की ओर वापस रुख करेंगी। सेशेल्स के समग्र आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में तेल ब्लॉक हैं और उनमें तेल उत्खनन किया जाना है।’

सेशेल्स में ज्यादातर तेल उथले सागर में हैं। ये कुएं 50 मीटर तक गहरे होते हैं। सेशेल्स का ईईजेड 13.5 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है।

जौबर्ट ने बताया कि उनके देश ने सभी अनिवार्य लाइसेंस और भौगोलिक आंकड़ों को मंजूरी दे दी है।

First Published : February 9, 2024 | 11:24 PM IST