अदाणी के गोड्डा बिजली संयंत्र के प्रमुख लाभार्थी – बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीपी) ने इस परियोजना के लिए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) में संशोधन की मांग नहीं की है।
अदाणी पावर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि बीपीडीपी इस संयंत्र के लिए आपूर्ति किए जाने वाले कोयले की कीमत में ‘अस्थायी राहत’ पर विचार कर रहा है।
अदाणी पावर के प्रवक्ता ने ई-मेल के जवाब में इस समाचार-पत्र को बताया ‘हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिजली आपूर्ति करने के लिए पीपीए के वास्ते बीपीडीपी द्वारा किसी संशोधन का अनुरोध नहीं किया गया है।’
पिछले सप्ताह बांग्लादेश की समाचार एजेंसी यूएनबी ने खबर दी थी कि बीएनपीबी ने पीपीए में संशोधन की मांग की है। इसने कहा था कि कोयले के अधिक दामों के लिए डिमांड नोट जारी करने के वास्ते बीपीडीपी से अदाणी पावर के अनुरोध के जवाब में ऐसा किया गया है।
बीपीडीपी के अधिकारियों ने कहा है कि अदानी पावर ने कहा है कि कोयले की लागत 250 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 400 डॉलर प्रति टन हो चुकी है।
1,600 मेगावाट वाला गोड्डा बिजली संयंत्र झारखंड में स्थित है और ऑस्ट्रेलिया में कारमाइकल कोयला खदान से कोयला लेगा, जिसका स्वामित्व और संचालन अदाणी माइनिंग के पास है।
कोयले की वैश्विक कीमतों को प्रभावित करने वाले भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए कारमाइकल से कोयला हासिल करने की लागत भी बढ़ गई है। हालांकि अदाणी पावर ने कहा कि बीपीडीबी ने कोयले की कीमत पर छूट मांगी है।
ई-मेल के जवाब में कहा गया है ‘बीपीडीबी ने विदेशी तापीय कोयले के मौजूदा अधिक दामों को देखते हुए अस्थायी आधार पर परिवर्तनशील ऊर्जा लागत में छूट देने पर विचार करने के लिए हमें लिखा है।’
सूत्रों ने कहा कि कोयले की कीमत में किसी भी बदलाव और उसके परिणामस्वरूप बिजली की लागत में किसी परिवर्तन से परियोजना शुरू होने की तिथि (सीओडी) पर असर पड़ सकता है।
गोड्डा को मार्च 2023 में बांग्लादेश को आपूर्ति शुरू करनी है। पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस समाचार-पत्र को बताया कि अगर कोई बदलाव होता है, तो एक संयुक्त संचालन समिति पीपीए में इन बदलावों को देखेगी।