उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच गुब्बारा युद्ध (Balloon war) ने खतरनाक रूप ले लिया है। दोनों देश कचरे और अलग-अलग संदेशो से भरे गुब्बारों के जरिये एक दूसरे के खिलाफ मनोवैज्ञानिक अभियान चला रहे हैं।
दक्षिण कोरियाई सेना के अनुसार, रविवार (9 जून) को उत्तर कोरिया ने फिर से सैकड़ों कचरे से भरे गुब्बारे दक्षिण कोरिया की ओर भेजे। यह मई के अंत से तीसरी घटना थी। बता दें कि यह घटना दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं की तरफ से उत्तर कोरिया की ओर प्रचार वाले कार्ड भेजने के कुछ ही समय बाद हुई है।
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच गुब्बारा युद्ध क्या है? (What is the balloon war between North and South Korea)
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया में अब तक 1,000 से ज्यादा कचरे और खाद से भरे गुब्बारे भेजे हैं। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई नागरिकों की तरफ से भेजे गए गुबारों के जरिये संदेशों के जवाब इस तरह के गुबारें भेजे हैं। उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर राजनयिक गतिरोध के बीच इन कार्रवाइयों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
दक्षिण कोरियाई संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि शनिवार रात से उत्तर कोरिया द्वारा लगभग 330 गुब्बारे लॉन्च किए गए। इनमें से लगभग 80 गुब्बारे रविवार सुबह तक दक्षिण कोरियाई क्षेत्र में उतरे।
ऐसा माना जाता है कि पूर्व की ओर हवाओं के कारण कई गुब्बारे दक्षिण कोरिया से दूर बह गए। उतरे हुए गुब्बारों में प्लास्टिक और कागज का कचरा पाया गया, लेकिन कोई खतरनाक पदार्थ नहीं मिला।
उत्तर कोरिया की कार्रवाइयों के जवाब में दक्षिण कोरियाई कार्यकर्ताओं ने प्रचार पत्रक, के-पॉप गाने और दक्षिण कोरियाई नाटकों के यूएसबी स्टिक और एक-डॉलर के बिलों के साथ गुब्बारे भेजे है।
सेना ने गुब्बारों और सामग्री को हटाने के लिए रासायनिक त्वरित प्रतिक्रिया और विस्फोटक सफाई इकाइयों को जुटाया है। जनता को किसी भी पाए गए गुब्बारे को छूने से बचने और उन्हें अधिकारियों को रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है।
मई 28 के बाद से यह तीसरी घटना है। पिछले बहार लगभग 1000 गुब्बारे पाए गए थे, जो खाद-सिगरेट के बट्स, कपड़े के टुकड़े, बेकार बैटरी और कागज के कचरे से भरे हुए थे। इनमें से कुछ वस्तुएं सड़कों, आवासीय क्षेत्रों और स्कूलों में बिखरी हुई पाई गईं। हालांकि कोई खतरनाक सामग्री या किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली।
इसके जवाब में दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के साथ तनाव कम करने के उद्देश्य से 2018 के समझौते को निलंबित कर दिया है। इस निलंबन से दक्षिण को सीमा क्षेत्रों में लाइव-फायर सैन्य अभ्यास और उत्तर कोरिया विरोधी प्रचार प्रसारण फिर से शुरू करने की अनुमति मिलती है। हालांकि, यह कदम उत्तर कोरिया को और ज्यादा जवाबी कार्रवाई के लिए उत्तेजित कर सकती है।
कहां से शुरू हुआ गुब्बारा युद्ध?
गुब्बारा युद्ध 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान शुरू हुआ और शीत युद्ध युग के दौरान जारी रहा। उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों ने गुब्बारों का उपयोग प्रचार और मनोवैज्ञानिक संदेश फैलाने के लिए किया।
गुब्बारा युद्ध के परिणाम
गुब्बारा युद्ध का क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव है। इस तरह के हमलों ने उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, जिससे संबंधों में गिरावट और सैन्य दिखावा बढ़ा है।
मनोवैज्ञानिक अभियान में उत्तर कोरियाई सैनिकों और निवासियों को हतोत्साहित करने की क्षमता होती है। इसे किम जोंग उन का नेतृत्व कमजोर हो सकता है और शायद बिलकुल भी हल्के में नहीं लेगा।
‘Balloongate’ पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने उत्तर कोरिया की कार्रवाइयों की निंदा की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कचरे से भरे गुब्बारों को “घृणित” और “बचकाना” कहा है। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने उत्तर की कार्रवाइयों को “नीच उकसावे” के रूप में करार दिया।
इस बीच, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने उत्तर कोरियाई गुब्बारा लॉन्च और अन्य उत्तेजनाओं को “बेतुका” और “अविवेकपूर्ण” कहते हुए उनकी कड़ी प्रतिक्रिया देने की बात कही है।