उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार केंद्र सरकारी इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग योजना के साथ ही अपनी ओर से भी टॉप अप इंसेंटिव देगी।
योगी सरकार जल्द ही अपनी इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेन्ट विनिर्माण नीति लाएगी जिसमें उद्यमियों को कई तरह की सहूलियत दी जाएंगी। इसमें रोजगार सृजित करने और प्रदेश के युवाओं को वरीयता देने वालों को विशेष प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025’ के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यह नीति आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा तैयार की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से उभरता क्षेत्र है। आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है, जिसमें उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 60 फीसदी है लिहाजा सम्भावनाओं वाले इस सेक्टर का लाभ प्रदेश को उठाना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने नीति के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केन्द्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के साथ उत्तर प्रदेश की ओर से टॉप-अप इन्सेंटिव दिया जाना चाहिए। इसी तरह पूंजीगत निवेश पर आकर्षक सब्सिडी, अतिरिक्त लाभ, स्टाम्प शुल्क एवं बिजली शुल्क में छूट, ब्याज अनुदान, लॉजिस्टिक्स और संचालन सहायता जैसे प्राविधान शामिल किये जाएं। उन्होंने कहा कि यदि निवेशक प्रदेश में रोजगार सृजित करता है और प्रदेश के युवाओं को वरीयता देता है तो उसे विशेष प्रोत्साहन दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए। निवेशकों को एकल विण्डो प्रणाली के माध्यम से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। युवाओं के लिए रोजगार सृजन को उद्योगों की वास्तविक जरूरतों से जोड़ा जाए तथा कौशल विकास कार्यक्रम उसी के अनुरूप संचालित हों। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट विनिर्माण का वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए। यह नीति न केवल विदेशी निवेश आकर्षित करेगी, बल्कि आयात पर निर्भरता घटाकर घरेलू मूल्य संवर्धन और विदेशी मुद्रा की बचत में भी सहायक होगी।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2014-15 में देश में जहाँ मात्र 1.9 लाख करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनते थे, वहीं वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। मोबाइल उत्पादन 18 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये और मोबाइल निर्यात 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 02 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश से लगभग 37 हजार करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर निर्यात किये गये।
बैठक में बताया गया कि प्रस्तावित नीति का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन करना और लगभग 10 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करना है। प्रस्तावित नीति न केवल अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, कौशल विकास और स्टार्टअप पारिस्थितिकी को प्रोत्साहित करेगी बल्कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को और मजबूत करेगी।