उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के रोडमैप पर तेज की कवायद

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अलग-अलग सेक्टरों के लिए सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के लक्ष्य के सापेक्ष अधिक वृद्धि देखी गई है।

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सिद्धार्थ कलहंस   
Last Updated- October 22, 2024 | 11:02 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के रोडमैप पर तेजी से काम करना शुरु कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस 32 लाख करोड़ रूपये के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) हासिल करने की ठानी है। बीते साल प्रदेश की जीडीपी 25.48 लाख करोड़ रूपये थी जिसमें इस करीब 28 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) के लिए 25 फीसदी का लक्ष्य रखा है जबकि बीते साल यह लगभग 16 फीसदी था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि बीते सात सालों की मेहनत के चलते प्रदेश की जीडीपी में अभूतपूर्व उछाल आया है। जहां 2021 में यह 16.45 लाख करोड़ रूपये थी वहीं इस साल इसके दोगुना बढ़कर 32 लाख करोड़ रूपये हो जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा किप्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अलग-अलग सेक्टरों के लिए सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के लक्ष्य के सापेक्ष अधिक वृद्धि देखी गई है। कृषि और सहायक सेक्टर के लिए अनुमानित जीवीए 5.85 लाख करोड़ रुपये के सापेक्ष 5.98 लाख करोड़ रुपये, विनिर्माण के 2.48 लाख करोड़ रुपये के सापेक्ष 2.79 लाख करोड़ रुपये, ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज और कम्युनिकेशन के अनुमानित जी0वी0ए0 के सापेक्ष 129 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

स्पष्ट है कि व्यापार, होटल, परिवहन और प्रसारण से सम्बन्धित संचार सेवाओं की वृद्धि दर में तेजी आई है। कुल मिलाकर वर्ष 2023-24 में राज्य के लिए अनुमानित जीएसवीए 23 लाख करोड़ रुपये के सापेक्ष सकल मूल्य वर्धन 23.24 लाख करोड़ रुपये रहा है।

मुख्यमंत्री ने वन ट्रिलियन डलर अर्थव्यवस्था के लिए तैयार रोडमैप पर काम कर रहे विभागों की समीक्षा करते हुए कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफार्म के मंत्र से लक्ष्य को पने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत लैंडबैंक के विस्तार, नीतिगत सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अपने प्रयासों को तेज करना होगा। अनेक निवेशक उत्तर प्रदेश में आने के लिए तैयार हैं। टेक्सटाइल पार्क, सोलर पार्क, प्लेज पार्क के अनेक प्रस्ताव मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ग्राम समाज की भूमि औद्योगिक विकास और एमएसएमई के उपयोग में लाने की व्यवस्था की गई है। लैण्ड पूलिंग पॉलिसी को और बेहतर किया जाएगा। ऐसी जमीन जो आवंटित हैं, लेकिन उपयोग नहीं की जा रही हैं, उनका चिन्हांकन किया जाएगा। बीमार उद्योगों की पहचान कर उनकी जमीन के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ में एआई सिटी की भूमि चिन्हित की जा चुकी है, इससे सम्बन्धित पॉलिसी जल्दी ही लाई जाएगी। प्रदेश को ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेनिंग के लिए भी प्रस्ताव मिले हैं, इसकी बेहतर सम्भावनाओं का लाभ लेने के लिए जल्द ही अपनी ड्रोन पॉलिसी लागू होगी। स्टार्टअप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय शुरू होगा।

First Published : October 22, 2024 | 10:50 PM IST