उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने गंगा एक्सप्रेस वे के बहाने उद्योगपति अदाणी और भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोला है।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर हो रही चर्चा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी मुखिया ने कहा कि क्या अब तय समय में गंगा एक्सप्रेस बन पाएगा।
उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिसे गंगा एक्सप्रेस वे बनाने का काम दिया उसके साथ नहीं खड़ी हो पा रही है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित देश के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस वे को बनाने का काम अदाणी समूह को दिया गया है।
अखिलेश ने कहा कि निवेशक सम्मेलन में सभी उद्योगपति तो आए पर सरकार के मित्र नहीं आए। उन्होंने कहा कि मित्र की पहचान तब होता है जब बुरा वक्त आता है लिहाजा उन्हें बुलाना चाहिए।
हाल ही में संपन्न वैश्विक निवेशक सम्मेलन में अदाणी समूह के प्रतिनिधि नहीं आए थे। नेता विपक्ष ने कहा कि एक रिपोर्ट ने दूसरे नंबर से कहां पहुंचा दिया कोई नहीं जानता है।
उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली वालों ने प्रदेश को किस एक्सप्रेसवे के लिए बजट दिया और गंगा एक्सप्रेसवे से अब वित्त मंत्री कैसे लखनऊ आएंगे।
योगी सरकार के उत्तर प्रदेश के एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने के दावे पर सपा प्रमुख ने कहा कि अभी जो विकास की दर से उससे कहां पहुंचेंगे।
उन्होंने आंकड़े देते हुए कहां कि 2017-18 और 200-21 में औसत वृद्धि दर 7.8 फीसदी थी जो सपा सरकार के समय के मुकाबले 5 फीसदी कम है। उन्होंने कहा कि ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए 34 फीसदी की वृद्धि दर चाहिए जो कैसे संभव होगी।
अखिलेश यादव के कहा कि मुख्यमंत्री योगी को अपना आर्थिक सलाहकार बदल देना चाहिए। सलाहकार डाटा मैनेज करने के लिए एक कंपनी को 200 करोड़ रुपये दे रहे हैं पर छह साल में नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि आर्थिक सलाहकार फेल साबित हुए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के सालाना बजट पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसमें किसानों का आय दोगुनी करने का कोई विचार नहीं दिखता है। नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश कहां खड़ा है ये देखना चाहिए। आयोग के मुताबिक क्वालिटी एजुकेशन में यूपी 18 वें स्थान पर तो असमानता में कमी के मामले में 28 वें स्थान पर है। गन्ने पर गुमराह किया गया और बकाया नहीं बताया गया। रोजगार की दर बतानी चाहिए जबकि 2017 के 2022 के बीच में गिरावट आयी है।
सपा प्रमुख ने कहा नौजवान हताश है पर विभागों में खाली पड़ी नौकरी सरकार कब देगी। एमएसएमई सबसे ज्यादा नौकरी देती है पर उसके लिए क्या किया गया। खेती पर उन्होंने कहा कि आलू की फसल चौपट हो गयी है और राष्ट्रीय स्तर से भी नीचे है यूपी की कृषि विकास दर। उन्होंने विभिन्न विभागों में बजट के पूरा खर्च न हो पाने को लेकर भी सरकार पर सवाल खड़े किए।