उत्तर प्रदेश विधानसभी का बजट सत्र इस बार 20 फरवरी से शुरु होने जा रहा है। सत्र के दूसरे दिन 21 फरवरी को बजट पेश होगा जिसका आकार इस बार 7 लाख करोड़ रुपये के पार रहने की संभावना है।
इस बार के बजट में तमाम कल्याणी योजनाओं के साथ ही वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) में आने वाले निवेशों को जमीन पर उतारने के लिए भी धन का प्रावधान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के इस बजट में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी असर दिखेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगे।
उनका कहना है कि यह एक समावेशी बजट होगा जिसमें समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा जाएगा। बजट में युवाओं, महिलाओं, किसानों व ढांचागत विकास पर फोकस होगा। जीआईएस के तहत आने वाले निवेश प्रस्तावों को लागू करने के लिए भी बजट का प्रावधान होगा।
जीआईएस से पहले ही मिल चुके निवेश प्रस्तावों को देखते हुए उम्मीद है कि कुल निवेश 25 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है जो प्रदेश के बजट का साढ़े तीन होगा। भारी भरकम निवेश और उससे संबंधित परियोजनाओं को लागू करने के ढांचागत विकास के कार्यों पर होने वाले खर्च के मद में भी इस बार के बजट में आवंटन होगा।
बीते साल योगी सरकार ने 6.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया था जबकि बीते महीने 33769.54 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी लाया गया था।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह वित्त वर्ष 2022-23 में बजट की राशि 6.49 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी थी। इसके मद्देनजर वित्त वर्ष 2023-24 के बजट का आकार 7 लाख करोड़ रुपये के पार जाने की पूरी संभावना है।
वित्त विभाग ने बजट तैयार करने से पहले सभी विभागों से बीते साल 30 नवंबर तक प्रस्ताव मांगे थे जो आ चुके थे। प्रस्ताव के मुताबिक पुरानी परियोजनाओं के लिए आवश्यक राशि और नयी के लिए धन की जरूरतों पर विभागों से विचार विमर्श किया गया है।
इसके अलावा शेड्यूल आफ न्यू डिमांड के प्रस्तावों के औचित्य व मांगी गयी राशि को तार्किक सीमा के भीतर लाने पर विचार किया गया है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लोक संकल्प पत्र के मुताबिक प्रस्तावित बजट में रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत कॉलेज जाने वाली लड़कियों को मुफ्त में स्कूटी देने, हाल ही में घोषित मुख्यमंत्री अप्रेंटिस योजना के तहत डिग्री धारक छात्रों को मासिक मानदेय देने, हर घर में रोजगार देने, किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के साथ ही दो करोड़ लैपटॉप या स्मार्टफोन का वितरण करने जैसी लोकलुभावन योजनाओं के लिए धन का आवंटन किया जा सकता है।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने प्रदेश के 7.5 लाख शिक्षित बेरोजगारों को 8 से 9000 रुपये के मानदेय के साथ प्रशिक्षण देने का एलान किया है जिसके लिए 2460 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
निजी स्कूलों में दो बहनों के पढ़ने की दशा में एक की पूरी फीस माफ करने का भी ऐलान किया गया है। इन सभी के लिए धनराशि का आवंटन आने वाले बजट में किया जा सकता है।