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दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल को आगरा नगर निगम ने प्रॉपर्टी और वॉटर टैक्स वसूली के लिए नोटिस भेज दिया है। नोटिस में बकाया टैक्स न जमा करने पर ताजमहल को कुर्क करने की चेतावनी भी दी गयी है। भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण संस्थान (ASI) ने इस नोटिस को गलत बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय धरोहर के स्मारकों कोई भी प्रॉपर्टी या वॉटर टैक्स लागू नहीं होता है।
ANI के ट्वीट के अनुसार, आगरा नगर निगम की ओर से भेजे गए नोटिस में ताजमहल से 1.40 लाख रुपये के प्रॉपर्टी टैक्स के साथ करीब एक करोड़ रुपये का वॉटर टैक्स जमा करने को कहा गया है। नोटिस में 15 दिन का समय देते हुए बकाया कर न जमा करने पर कुर्की की चेतावनी दी गयी है।
नगर निगम का यह नोटिस इस साल मार्च तक के प्रॉपर्टी टैक्स बकाये के साथ उस पर अब तक देय ब्याज को मिलाकर है। आगरा में ही ASI के संरक्षण वाली एक अन्य इमारत एत्तमाद्दुदौला के मकबरे को भी प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का नोटिस भेजा गया है।
हालांकि, नगर विकास विभाग का कहना है कि नगर निकायों की ओर जियोग्राफिक इन्फार्मेशन सिस्टम (GIS) के तहत राज्य भर में इस तरह के नोटिस भेजे जा रहे हैं। यह नोटिस कर सर्वे का हिस्सा है और इसमें सरकारी इमामरतों से लेकर धार्मिक स्थल तक शामिल हैं। प्रदेश भर में गृह कर के स्रवे का काम GIS के जरिए करने का काम निजी कंपनी को सौंपा गया है। कर वसूली के समय नियमों के मुताबिक इसमें छूट दी जाएगी।
गौरतलब है कि ब्रिटिश शासन के दौरान 1920 में ताजमहल को राष्ट्रीय धरोहरों में शामिल करते हुए संरक्षित इमारत घोषित किया गया था। नियमानुसार संरक्षित इमारतों पर प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगता है। ASI अधिकारियों का कहना है कि ताज परिसर में पानी का प्रयोग केवल हरियाली बरकरार रखने के लिए किया जाता है न कि किसी निजी जरुरत के लिए। इसलिए ताजमहल पर किसी तरह का जलकर भी देय नहीं होता है।